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0000000000000000000000 सूत्रोंमें नहि भेद दिखाया, अपने आप जमाया है,
ऐसे तेरापंथ मजबने, जगमें गजब मचाया है ।
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जो विल्ली चूहेको पकड़े, उसे नहीं छोड़ाता है, .
बिल्लीको उसमें दुख माने, निर्दयभाव बढ़ाता है। नहीं समझते ही 'दुख देना', किसका नाम कथाया है ?
ऐसे तेरापंथ मजबने, जगमें गजब मचाया है ।
" पानीके विण तड़फ रहा जन, आकुल-व्याकुल होता हो,
हाय हायरे! बाप मुआ! बोले मुझको कोई जल दो। __ नहि देना उसको भी पानी," ऐसा मत मन-माना है,
ऐसे तेरापंथ मजबने, जगमें गजब मचाया है।
“पानी देकर उसे बचावें, तो पापोंको सेवेगा,
अन्न खायगा, जल पीएगा, फिर विषयोंको सेवेगा । वे सब हमको पाप लगेंगे, हमने क्योंकि बचाया है,
ऐसे तेरापंथ मजबने, जगमें गजब मचाया है ॥
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“ जिस वाडेमें गौएं रहतीं, उस वाडेमें आग लगी,
मत खोलो फाटक उसकी तुम, कारण गौएं जीएंगी। जीकर वे तो पाप करेंगी, " यह उपदेश सुनाया है,
ऐसे तेरापंथ मजबने, जगमें गजब मचाया है ॥
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