Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Abhinav Tika Adhyaya 10
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Shrutnidhi Ahmedabad

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Page 42
________________ પરિશિષ્ટઃ ૪૧ ऐरवत् ऐरवत् ऐशान ऐशान औ २३५ ९ ४८ शब्द उपग्रह उपग्रह उपघात उपघात उपचार विनय उपपात उपपात उपपात उपभोग उपभोग परिभोग उपभोगाधिाकत्व उपयोग उपयोग उपयोग उपयोग उपशान्त कषाय उपशान्त मोह उपस्थापना उर्ध्व उष्णपरीषह - औपशमिक औपशमिक औदायिक औपपातिक औपपातिक औपपातिक ७ २७ २१८ २ |१९ कन्दर्प कर्म कर्मन् 3Iw vorror 9 9 rrrrrorro9 xx voodoor || G <d www m<< ww4 m w< < < wwm MATrn moumwwws - - m G Om < G कर्मन् कर्मभूमि कर्मयोग कल्प ऊर्ध्वव्यतिक्रम ऋजुमति ऋजुसूत्र १३४ ८ २५ एकक्षेत्रावगाढ एकत्ववितर्क एकत्वानुप्रेक्षा एकाग्रचिन्तानिरोध एकाश्रय एषणा कल्पातीत कल्पोपपन्न कल्पोपपन्न कषाय कषाय कषाय कषाय कषाय(वेदनीय) काक्षा काय काय कायक्लेश कायस्वभाव ९ २७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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