Book Title: Tattvarthadhigam Sutra Abhinav Tika Adhyaya 10
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Shrutnidhi Ahmedabad

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Page 49
________________ ४८ તત્ત્વાર્થાધિગમ સૂત્ર અભિનવટીકા शब्द अ.सू. ११० ९२२ बन्ध शब्द प्रमाण प्रतिक्रमण प्रतिसेवन प्रत्यक्ष प्रत्यय प्रत्याख्यानावरण प्रत्येक बोधित प्रत्येक शरीर २ ४४ ८ १५ १० ७ ८१२ ५ १६ २३९ बन्ध बन्ध बन्धच्छेद बन्धन बन्धहेतु बन्धहेतु बहु प्रदीप प्रदेश प्रदेश प्रदेश प्रदेश प्रदोष प्रमत्त संयत प्रमत्त संयत प्रमाद प्रमोद प्रभाव प्रवचन (भकित) प्रवचनवत्सल प्रविचार प्रविचार प्रशंसा Mer or orxr vav srIs vw or or 2 wwe »ws » 92 or G GM200mmmmmm wwMA|| las sauvaruvorov w or w or worrororax x Wr »MX बहुविध बहुश्रुत(भक्ति) बादरसम्पराय बालतपस् बाह्यतप बायोपधि बुद्धबोधित बोधिदुर्लभानुप्रेक्षा ब्रह्मचर्य ब्रह्मलोक ब्रह्मलोक भय m भरत प्राण प्राणत प्राणव्यपरोपण प्रायश्चित प्रेष्यप्रयोग भरत भवन भवनवासिन् भवप्रत्यय भव्यत्व भव्यत्व भाज्य भाज्य भाव umm x x auror aroor बकुश बन्ध बन्ध - G Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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