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अध्याय - ५
निष्क्रियाणि च ॥७॥
[च] और फिर यह धर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और आकाश द्रव्य [ निष्क्रियाणि ] क्रिया रहित हैं अर्थात् ये एक स्थान से दूसरे स्थान को प्राप्त नहीं होते।
These three (the medium of motion, the medium of rest, and space) are also without activity (movement).
असंख्येयाः प्रदेशाः धर्माधर्मैकजीवानाम् ॥८॥
[धर्माधर्मैकजीवानाम् ] धर्म द्रव्य, अधर्म द्रव्य और एक जीव द्रव्य के [ असंख्येयाः ] असंख्यात [ प्रदेशाः ] प्रदेश हैं।
There are innumerable points of space in the medium of motion, the medium of rest, and in each individual soul.
आकाशस्यानन्ताः ॥९॥
[आकाशस्य] आकाश के [अनन्ताः] अनन्त प्रदेश हैं।
The units of space are infinite.
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