Book Title: Tadpatra Pandulipi Bachaye
Author(s): Anupam Shah
Publisher: Indian Council of Conversation Institutes

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Page 10
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir पत्रों को अनियंत्रित रूप से बारम्बार हिलाने से सुतली वाले छेदों का आकार नष्ट हो जाता है। son हजारों पाण्डुलिपियाँ मात्र कुछ घण्टों में आग से ध्वंस हो सकती हैं। SOFERO DAAN चित्रित पाण्डुलिपि अगर ढीली बँधी हो, तो पत्रों के परस्पर रगड़ खाने से अंकित चित्रों के रंग झड़ने लगते हैं। उँची आर्द्रता, अंधकार तथा बासी वातावरण में फफूंद उग जाता है । 'एयर कण्डीशनर' का बार-बार चलाने तथा रोकने से तापमान तथा आर्द्रता का उतार-चढ़ाव होता है जिससे पाण्डुलिपियाँ र्दुबल होकर नष्ट हो जाती हैं। पत्र चिर जाते हैं। វង់ពព្អក សានុវ៖ s Homegs តើមិតគ្នារវ मनुष्य द्वारा क्षति : जानबूझ कर कलाकृति को नष्ट करने वाले लोग, चोर, दायित्वहीन पाठक, असावधान कर्मचारी, उदासीन जनसाधारण एवं अधिकारीगण- यह सब इस सांस्कृतिक धरोहर को विध्वंस की ओर ले जाते हैं । For Private and Personal Use Only

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