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- धूल तथा प्रदूषण से पाण्डुलिपियों को कैसे बचायें ?
१. संग्रह को धूल भरे तथा प्रदूषित स्थान में स्थित न करें ।
परिवेश को धूल रहित करने के लिए, भवन के चारों ओर घास
तथा वृक्ष लगायें। ३. महत्वपूर्ण संग्रह भवन के अन्दूनी कक्षों में स्थित करें।
४. खिड़कियाँ बन्द रखें ।
५. जूतों से मट्टी निकालने के लिए द्वार पर पायदान रखें जिन्हें
नियमित साफ भी करा जाय । ६. पाण्डुलिपियों को अलमारी अथवा बक्सों में रखें । ७. कमरे तथा ‘फर्नीचर' को वैक्यूम क्लीनर' अथवा थोड़े से
गीले कपड़े से साफ करें। सावधान। वैक्यूम क्लीनर' से कहीं पाण्डुलिपियाँ को गलती
से नष्ट न कर दें। ९. झाडू लगाएँ, तो सावधानी से, तथा धीरे से ताकि धूल न उड़े। १०. दर्शक तथा प्रदर्शित पाण्डुलिपियों के बीच कुछ दूरी रखें । ११. द्वार पर 'एयर कर्टेन' भी लगा सकते हैं। १२. 'एयर कंडीशनर' में हवा के प्रवेश का स्थान ऊँचाई तथा भवन के सबसे कम प्रदूषित हिस्से में स्थित
होना चाहिए। १३. ताकि यह हवा धूल तथा 'सल्फर डाइआक्साईड'
रहित प्रवेश करे, ए०सी० में प्रवेश करती हवा को पानी के फव्वारे से धो दें।
१४. जब पाण्डुलिपियाँ पढ़ी
या प्रदर्शित नहीं करी जा रही हों, तो उन्हें कपड़े से ढक दें।
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