Book Title: Syadvada Manjari
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal
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२०१
३१
१५६
स्याद्वादमंजरीके संस्कृत, तथा हिन्दी-अनुवादकी टिप्पणियोके ग्रन्थ और ग्रन्थकार (७)
द्रव्यसग्रह नेमिचन्द्र अध्यात्मोपनिषद् यशोविजय ( ३२६) २६५ द्रव्यसंग्रहवृत्ति ब्रह्मदेव २०१,२०२ अनुयोगद्वारसूत्र २५३ द्रव्यानुयोगतर्कणा भोजदेव
२५४ अभिधर्मकोश वसुबन्धु
१८५ अभिधानचिन्तामणि हेमचन्द्र ३,७,१३६,२६७ धर्म ।
हरिभद्र अमरकोष अमर ९५,१७६ धर्मसंग्रहणीटीका मलयगिरि
२०४ अष्टसहस्री विद्यानन्द ( ३२६) १३३
नयचक्रसंग्रह आ
देवसेन ( ३२६) २५४ आदिपुराण जिनसेन
१४२ नयप्रदीप यशोविजय
२६४ आवश्यकटिप्पण हरिभद्र
२४३ नयोपदेश यशोविजय
२५५ न्यायप्रदीप पं. दरबारीलाल ८५,८६ न्यायप्रवेश दिङ्नाग
१४४ उत्तराध्ययन
न्याकप्रवेशवृत्ति हरिभद्र
१४५ न्यायप्रवेशवृत्तिपंजिका पार्श्वदेव
१४५ देवेन्द्रसूरि कर्म ग्रन्थ
न्यायबिन्दु धर्मकीर्ति
१५६
न्यायबिन्दुटीका धर्मोत्तर गीता
८७,९५ न्यायावतार टोका सिद्धर्षि
२५४ गोम्मटसार (कर्म.) नेमिचन्द्र
३१ गोम्मटसार (जीव.) ,
पुरातत्त्व
१७१ गोशाल प्रज्ञापनासूत्र
२४०,२५९ गौतमसूत्र अक्षपाद
प्रभाचन्द्र
२५५
प्रमाणनयतत्त्वालोकालंकार वादिदेव (३२६) १९२ छान्दोग्य उपनिषद्
प्रवचनसार कुन्दकुन्द
प्रवचनसारोद्धार नेमिचन्द्रसूरि तर्कभाषा केशवमिश्र तत्त्वसंग्रह
शांतरक्षित १८०,१८६ वृहदारण्यक उपनिषद् तत्त्वार्थभाष्य उमास्वाति १८,२०२,२५१,२६१
पं. बेवरदास १७१ तत्त्वार्थभाष्यवृत्ति सिद्धसेनगणि
२५४ बोधिचर्यावतार शांतिदेव तत्त्वार्थराजवर्तिक अकलंक ७५,१७३,२०१,२३१, बोधिचर्यावतारपंजिका प्रज्ञाकरमति १७८,१८३ २६१ ब्रह्मसूत्रभाष्य शंकर
२०७,२५८ तत्त्वार्थश्लोकवातिक विद्यानन्द २५३,२५४ तत्त्वार्थसूत्र उमास्वाति ६५,९८ भगवती (व्याख्याप्रज्ञप्ति ) २५३,२६१ त्रिलोकसार नेमिचन्द्र
७५ त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित हेमचन्द्र २०७ मनुस्मृति मनु
८८,२५८ महाभारत व्यास
९५,२५८ दशवकालिक
महीदास
२६१
२६०
१०७
१८०

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