Book Title: Syadvada Manjari
Author(s): Jagdishchandra Jain
Publisher: Paramshrut Prabhavak Mandal

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Page 434
________________ ३२ श्रीमद्राजचन्द्रजैनशास्त्रमालायां १५० साम्यावस्था १३६ स्मात २०७ सारस्वतमंत्र १ स्मृति सावयवत्वं ( आत्मनः) ७१ स्मृतिप्रमाण १५४ सिद्ध २४०,२६५ स्मृतिभंगदोष १८२ -सिद्धेपु जीवव्यपदेशः २४० स्यात् २०९ सिद्धि (सिद्धयस्तिस्रः) १४३ स्याद्वाद २००,२०९,२२६,२४० सिद्धिक्षेत्र ६२ स्याद्वादमंजरी २७० सिद्धसेन २,३२,२६३ स्याद्वादरत्नाकर २५२ सुगत १६४ स्वर्ग ९०,९२,२०९ सुन्दोपसुन्द २३५ स्वयंभू सृष्टि ( रजोगुणात्मक ) ४० स्वभावहेतु सौगत २७,१२०,१३१,१४८,१७९,१८६,२६२ स्वसंवेदन सौधर्म ९ स्वार्थानुमान १९२,२५२ संकेत १३२ स्वायंभुव २१ संतान २५,६०,१८३ स्वाध्याय संयम १४३ हरिभद्रसूरि (भगवान् ) ३६,७७ संविदद्वैत १६४ हस्तलाघव संहरण ( तमोगुणात्मक ) ४० हितोपदेशप्रवृत्ति १३२ हिंसा ८७,१०२ सांख्य १२०,१३५,२४८ -वेदविहिता हिंसा धर्महेतुः सांख्यतत्त्वकौमुदी १४३ -जिनायतनादिविधाने पृथिव्यादिजन्तुघातनम् ९० सांवृत ( सत्य) १०१ -सांख्यवेदान्तवादिभिः वैदिकहिंसाविरोधः ९१,९४ स्तुतिकार १६४,२००,२३२,२५१,२६७ हेमचन्द्र-हेमसूरि-हेमाचार्य १,२,२६९ स्थावर ३७,१३५ हेय स्थिति ( सात्विक) ४१ होम १०० संवर २६७ १२ संहनन ८७

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