Book Title: Swopagnyashabda maharnavnyas Bruhannyasa Part 5
Author(s): Hemchandracharya, Lavanyasuri
Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha

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Page 6
________________ श्रीविजयनेमिसूरीश्वर ग्रन्थमाला द्वारा मुघमाण * अपूर्व ग्रन्थ रत्नोनी सूचि * {१] सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहदवृत्ति बृहन्न्यासादिसह चतुर्थविभाग । [२] सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति बृहन्न्यासादिसह पंचमविभाग । [३] सिद्धहेमशब्दानुशासन बृहद्वृत्ति [ अढार हजारी । [४] उणादिगणविवृत्ति । [५] धातुरलाकर तृतीयभाग द्वितीयावृत्ति । [६] छन्दोऽनुशासन “प्रद्योत" टीका । [७] विभक्त्यर्थ प्रकाश । [-] स्याद्यन्तसरित् । [६] स्याद्यन्तपयस्विनी । [१०] - कृत्प्रत्ययानां महायन्त्रम् । [११] हेमचन्द्रिका व्याकरणनो सरल गुर्जरानुवाद । 卐 + श्रीनेमिलावण्यसूरीश्वरग्रन्थमाला तथा नेमिलावण्यदक्षसुशील* ग्रन्थमाला तरफथी ताजेतरमा प्रकाशित थनारी पुस्तिकाओ * [१] रलनी माला। [२] भावना सारांश । [३] भावना समुच्चय । [४] शब्दरूपावलि । [५] समासचक्र। [६] सद्गुणवाक्यमाला । [७] चैत्यवन्दन वृत्ति । उपर्युक्त त्रणे ग्रन्थमालाओना प्रकाशित थयेला प्रकाशनोनु प्राप्तिस्थान(१) श्रीविजयलावण्यसूरीश्वर ज्ञानमन्दिर, बोटाद [सौराष्ट्र] (२) सरस्वती पुस्तक भण्डार, हाथीखाना, रतनपोल, अमदाबाद [गुजरात]

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