Book Title: Swopagnyashabda maharnavnyas Bruhannyasa Part 5
Author(s): Hemchandracharya, Lavanyasuri
Publisher: Jain Granth Prakashak Sabha

View full book text
Previous | Next

Page 10
________________ समो वा ५११४६।। | सुराः पिब: ५।१७५11 | स्थो वा ५३६६॥ | हन० लात् ५५४६३।। सर्तेः० मत्स्ये ५।३।१७॥ सूत्राद्धारणे ५।१।१३।। | स्पृशो. कात् ५।१११४६।। | हनो णिन् ५।१।१६।। सर्वात श्च ५।१।१११॥ सग्लहः क्षे ५१३१३१॥ | स्मे च० ना शस१६ | हनो० देशे ५५३१३४।। सस्मे ह्य० च ४१४॥४०॥ १० मरक- शरा७३॥ | स्मे पश्चमी ॥४।३१।। | हनो वा० च ५।३४६१ समि० नेमि ५।२१३६॥ | सृ० वरप्श ।७७।।। स्म्यज० र ससा | हल० पुवः ५२१८६! सहरा० धेः ५११६७।। | सोमा० सुगः ५११११६३।।। स्वस्नेहा०ष: २४६५ हशश्व० च ५।२।१३।। साति० ति ५३६४॥ स्तम्बात् घनश्च ५।३।३।। स्वाङ्गत० श्च ५१४८६ हस्त० स्तेये ५।३१७८॥ साधौ ५११५५॥ | त्रियां क्ति: ५।३.९१।। स्वाङ्गना० ण ५।४७६॥ हस्तार्था त: ५।४।६६॥ साहिंसात् ५।११५६।। | स्था० स्नुः ५।२।३१।।। स्वार्था० र्धात् ५।४।५३।। । हस्ति० शक्ती ५।१६।। सुगदु० रे ५।१।१३२॥ स्थादिभ्य क: ५।३८२॥ स्वामि० यः ॥१३३॥ [ हिंसा प्यात् ५।४।७४।। सुगू०. त्ये ५२६॥ | स्थापा० कः . ५१.१४२॥ हः व्रीह्योः ५११६८1 गो० द्यमे ५११६५!! सुयजी० प ५११७२।। | स्थेश० वरः ५२१८११॥ | हत्या० भावे ॥११३६॥ | हेतुतच्छी० त् ५११११०३।। ह्वः समा० मनोः ५१३६४१।। ॥ इति पञ्चमाध्यायसूत्राणामकारादिकाऽनुक्रमणिका ॥ + + पञ्चमाध्याये- कृत्प्रत्ययानां वर्तमानादिविभक्तीनां च संक्षिप्ता विषयानुक्रमणिकाविषय- सूत्राङ्क-विषय | विषय सूत्राप्रथमपादे १७-२६ | अकट, कृत्संज्ञा, तव्य- अनीय, २७ | बहुलाधिकारः, २८-३१ टन, ६७-६८ कंतरि कृत्, वर्यादियान्तनिपातनम्, ३२-३४ कर्मकर्तरि- धुर- केलिम, क्यप्- य, कृष्टपच्यनिपातनं च, तिक्- सर्वकृत् नाम्नि, क्यबन्त निपातनम्, ३६-३६ संगतेकर्तरिअजयनिपातनम्, क्यप् ४०-४६ अण्, कर्तरि रुच्यादिनिपातनम्, कृत्यसंज्ञा कर्तरि वा भव्यादिनिपातनम्, ७४-७५ णक- तृच, कर्तरि वा प्रवचनीयादिनिपातनम्, ८ ७६-८१ अच्, कर्तरि वाक्त, .. लिहादेरच्. णिन्, कर्तरि वा क्त आरम्भे, ८३-८७ अजन्तनिपातनम्, कर्तरि वा क्त, : टगन्तनिपातनम्, . . ८८-८६ आधारे वा क्त, खि,.. भावे क्त्वा- तुम्- अम्, क, ५४-५५. ६१-६६. अपादाने भीमादिनिपातनम्, सम्प्रदानादपादानाच्चान्यत्र डान्तनिपातनम्, उणादिप्रत्ययाः, .५८-६१ ट, १०२-१०४ असरूपोत्सर्गोऽपवाद वा, ६२-६४ ख-- अण्, ध्यण, था। अक, अकन्, 16 G GGGhी roXWWWmins टक अन, णिन्, ५३ श. . .

Loading...

Page Navigation
1 ... 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 ... 326