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आदाननामकं अध्ययन छाया - अभूवन् पुरा धीरा, आगामिन्यपि सुव्रताः ।
दुर्निबोधस्य मार्गस्यान्तं, प्रादुष्करास्तीर्णाः ॥इति ब्रवीमि॥ अनुवाद - पूर्वकाल में बहुत से धीर या वीर आत्म बली पुरुष हुए हैं । भविष्य काल में भी बहुत से सुव्रत-उत्तम व्रतधारी पुरुष होंगे। वैसे महापुरुषों ने दुर्निबोध-जिसे प्राप्त करना बड़ा कठिन है, उस सम्यक्दर्शन, सम्यक्ज्ञान, तथा सम्यक् चारित्र मूलक मार्ग का अनुसरण कर उसे प्रकाशित कर संसार सागर से पार हुए हैं।
टीका - सर्वोपसंहारार्थमाह-'पुरा' पूर्वस्मिन्ननादिके काले बहवो 'महावीरा' कर्मविदारणसहिष्णवः 'अभूवन्' भूताः, तथा वर्तमाने च काले कर्मभूमौ तथाभूता भवन्ति तथाऽऽगामिनि चानन्ते कालेतथाभूताः सत्संयमानुष्ठायिनो भविष्यन्ति, ये किं कृतवन्तः कुर्वन्ति करिष्यन्ति चेत्याह-यस्य दुर्निबोधस्य-अतीव दुष्प्रापस्य (मार्गस्य) ज्ञानदर्शन चारित्राख्यस्य 'अन्तं' परमकाष्ठामवाप्य तस्यैव मार्गस्य 'प्रादुः' प्रकाश्यं तत्करणशीला: प्रादुष्कराः स्वतः सन्मार्गानुष्ठायिनोऽन्येषां च प्रादुर्भावकाः सन्तः संसारार्णवं तीर्णास्तरन्ति तरिष्यन्ति चेति । गतोऽनुगमः, साम्प्रतं नयाः, ते च प्राग्वत दृष्टव्याः । इतिरध्ययनपरिसमाप्तो, ब्रवीमीति पूर्ववत् ॥२५॥
॥ इति आदानीयाख्यं पञ्चदशाध्ययनं समाप्तम् ॥ टीकार्थ - सूत्रकार इस अध्ययन का उपसंहार करते हुए कहते हैं-कर्मों को विदीर्ण-क्षीण करने में सक्षम अनेक महान् वीर-परम पराक्रमी अनादि काल से होते रहे हैं । वर्तमान काल में भी कर्मभूमि में वैसे बहुत से महापुरुष होते हैं तथा आगामी-आने वाले अनन्त भविष्य काल में भी संयम का पालन करने वाले वैसे अनेक महापुरुष होंगे । उन्होंने क्या किया ? वे क्या करते हैं ? एवं क्या करेंगे ? इस संदर्भ में सूत्रकार प्रतिपादित करते हैं-वे महापुरुष दुर्निबोध-अतीव दुष्प्राप्य-बड़ी कठिनाई से प्राप्त होने योग्य सम्यक् ज्ञान, दर्शन तथा चारित्रमूलक मोक्षमार्ग की पराकाष्ठा-आखिरी सीमा-मंजिल पर पहुंच कर औरों के लिये उस मार्ग कामोक्षानुगामी पथ का प्रकाशन करते हुए स्वयं उस पर गतिशील रहते हुए संसार सागर को पार कर चुके हैं, पार कर रहे हैं तथा पार करेंगे । .. अनुगम समाप्त हुआ । अब यहां नय पूर्ववत् दृष्टव्य है-देखने योग्य या समझने योग्य है । इति शब्द अध्ययन की परि समाप्ति हेतु प्रयुक्त हुआ है । ब्रवीमि-बोलता हूं यह पूर्ववत्-पहले की ज्यों है।
आदानीय नामक पंचदश-पन्द्रहवां अध्ययन समाप्त हुआ ।
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