Book Title: Sramana 2014 04
Author(s): Ashokkumar Singh, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi
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74 : श्रमण, वर्ष 65, अंक 2/अप्रैल-जून 2014 ३०.जैन दर्शन में धर्म का स्वह्वप - (ग्रं०मा०सं० १६६) (I.S.B.N. 81
86715-63-0); लेखक : डॉ० के० के० सिंह; प्रथम संस्करण २०१०;
पृष्ठ : २४८; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० ३००.००। ३१.कर्म ग्रन्थ, भाग ५- (ग्रं०मा०सं० १६७) (I.S.B.N. 81-86715-83
5); लेखक : पं सुखलाल संघवी; द्वितीय संस्करण २०११; पृष्ठ : २५६;
आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : ४००.०० रु०। ३२.न्याय-रत्नसार - रचयिता : आचार्यप्रवर घासीलाल जी; प्रथम संस्करण
१९८९; पृष्ठ : ४०, १९८; आकार : डबल क्राउन; सजिल्द, मूल्य : रु०
२००.००। ३३. जैन धर्म दर्शन एवं संस्कृति, भाग५, (लेखों का संग्रह)- (I.S.B.N.
81-86715-68-1); लेखक: प्रो० सागरमल जैन; प्रथम संस्करण २००२;
पृष्ठ : ६+१९०; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १००.००। ३४. जैन धर्म दर्शन एवं संस्कृति, भाग६,(लेखों का संग्रह)-(I.S.B.N.
81-86715-84-3); लेखकः प्रो० सागरमल जैन; प्रथम संस्करण २००२;
पृष्ठ : ६, १९०; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १००.००। ३५. सर्वसिद्धान्तप्रवेशकः - अनुवाद : साध्वी रुचिदर्शनाश्रीजी, प्रथम संस्करण
२००८; पृष्ठ : ३५, आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० ३०.००। 36. JAINA PHILOSOPHY - (S.N. 16); by Mohan Lal Mehta;
2nd Edition 1998; Pages 246; Size: Demy; Hard Bound, Price
Rs.160.00. 37. JAINA EPISTEMOLOGY- (S.N. 50) (I.S.B.N 81-86715
13-4); by Dr. Indra Chandra Shastri; 1st Edition 1990; pp.
15, 490, Size: Demy; Paper back, Price Rs. 350.00. 38. THEORY OF REALITY IN JAINA PHILOSOPHY-(S.N.
58) (I.S.B.N. 81-86715-01-0); by Dr. J.C. Sikdar, 1 Edition
1991; Pages 20,344; Size: Demy; Paper back, Price Rs. 300.00. 39. DOCTRINE OF KARMAN IN JAINA PHILOSOPHY -
(S.N. 60) (I.S.B.N. 81-86715-00-2); Dr. H.V. Glasenapp. trans. (Germ. to Eng) Mr. G. Barry Giffor, 1s Edition 1942; Pages 26, 284; Size: Demy; Paper back, Price Rs. 150.00.