Book Title: Sramana 2014 04
Author(s): Ashokkumar Singh, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 88
________________ प्रकाशन-सूची : 83 ११.जैन साहित्य का बहद् इतिहास (भाग ६) - (ग्रं०मा०सं० २०); लेखक : डॉ. गुलाबचन्द्र चौधरी; प्रथम संस्करण १९७८; पृष्ठ : ११, ७१०; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० १५०.००। १२.जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (भाग ७) - (ग्रं०मा०सं० २४); लेखक : पं० के० भुजबल शास्त्री, श्री टी.पी. मीनाक्षी सुन्दरम् पिल्लै व डॉ० विद्याधर जोहरापुरकर; प्रथम संस्करण १९८१; पृष्ठ : १०, २४८, १६,५; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० १६०.००। १३. वज्जालग्गं (जयवल्लभकृत) - (ग्रं०मा०सं०. ३४); सम्पादक एवं हिन्दी अनुवादक : पं० विश्वनाथ पाङ्गक; प्रथम संस्करण १९८४; पृष्ठ : १५, ५२, ५१३; आकार : डिमाई; अजिल्द/ सजिल्द, मूल्य : रु० १६०.०० । १४.जैन मेघदूतम् ( भूमिका, मूल, टीका एवं हिन्दी अनुवाद सहित) (ग्रं०मा०सं०५१); लेखक: डॉ० रविशंकर मिश्र; प्रथम संस्करण १९८१; पृष्ठ : ६, ७४, १२५; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० २००.००। १५.हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (खण्ड १) (आदिकाल से १६वीं शताब्दी तक) - (ग्रं०मा०सं० ५३); लेखक : डॉ० शितिकंठ मिश्र; प्रथम संस्करण १९८९; पृष्ठ : १५, ३७१; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० ३६०.०० । १६.हिन्दी जैन साहित्य का बृहद् इतिहास (खण्ड २) (१७वीं शती) (ग्रं०मा०सं० ६६); लेखक : डॉ० शितिकण्ठ मिश्र; प्रथम संस्करण १९९२, पृष्ठ : ५५०, आकार : डिमाइ;, सजिल्द, मूल्यः रु० २७०.००। १७. नेमिदूतम् - (ग्रं०मा०सं०६८); व्याख्याकार : डॉ० धीरेन्द्र मिश्र; प्रथम संस्करण १९९४; पृष्ठ : ४६, १३९; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १००.००। १८.शीलदूतम् - (ग्रं०मा०सं०६९); अनुवादक : साध्वी प्रमोद कुमारी एवं पं० विश्वनाथ पाङ्गक; प्रथम संस्करण १९९३; पृष्ठ : ४२; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु०३०.००। १९.मातृकापद श्रृंगाररसकलित गाथाकोश - (ग्रं०मा०सं०७१); अनुवादक : श्री भंवरलाल नाहटा; प्रथम संस्करण १९९४; पृष्ठ : १८,७; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १५.००।

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