Book Title: Sramana 2014 04
Author(s): Ashokkumar Singh, Rahulkumar Singh, Omprakash Singh
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 82
________________ प्रकाशन-सूची : 77 २. जैन और बौद्ध भिक्षुणी संघ - (ग्रं०मा०सं० ३५); लेखक : डॉ० अरुण प्रताप सिंह; प्रथम संस्करण १९८६, पृष्ठ : १२, २६१; आकार : डिमाई; सजिल्द, मूल्य : रु० १४०.००। (अनुपलब्ध) ३. मूलाचार का समीक्षात्मक अध्ययन - (ग्रं०मा०सं०४०); लेखक: __ डॉ० फूलचन्द जैन 'प्रेमी'; प्रथम संस्करण १९८७; पृष्ठ : २८, १५, ५४३; आकार : डिमाई; सजिल्द/अजिल्द, मूल्य : रु० १६०.०० । ४. जैनधर्म में श्रमण संघ - (ग्रं०मा०सं० ४२, लघु); लेखक : डॉ० फूलचन्द्र जैन प्रेमी'; प्रथम संस्करण १९८७; पृष्ठ : ७,८२, आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० २०। ५. मानव जीवन और उसके मूल्य - (ग्रं०मा०सं० ५५); लेखक : श्री जगदीश सहाय; प्रथम संस्करण १९९०; पृष्ठ : १०, १११; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० ६०.००। ६. जैन नीतिशास्त्र : एक तुलनात्मक विवेचन - (ग्रं०मा०सं० ७९); लेखिका : डॉ० प्रतिभा जैन; प्रथम संस्करण १९९५; पृष्ठ : २३४; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १८०.००। ७. आचारांग का नीतिशास्त्रीय अध्ययन - (ग्रं०मा०सं०८०); लेखिका - डॉ. साध्वी प्रियदर्शना श्री; प्रथम संस्करण १९९५; पृष्ठ : २९२, १२, ८; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० २००.००। गुणस्थान सिद्धान्त : एक विश्लेषण - (ग्रं०मा०सं० ८७); लेखक : डॉ० सागरमल जैन; प्रथम संस्करण १९९६; पृष्ठ : ६, १३८; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० ६०.००। ९. भारतीय जीवन-मूल्य - (ग्रं०मा०सं० ८९); लेखक : डॉ. सुरेन्द्र वर्मा; प्रथम संस्करण १९९६, पृष्ठ : ६, २२०; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु० १५०.००। १०. तीर्थंकर महावीर और उनके दशधर्म - (ग्रं०मा०सं० १२१) (I.S.B.N. 978-93-81571-45-2); लेखक : प्रो० भागचन्द्र जैन भास्कर; प्रथम संस्करण १९९९; पृष्ठ : ९,१३६; आकार : डिमाई; अजिल्द, मूल्य : रु. ८०.००। ११. समाधिमरण - (ग्रं०मा०सं० १२४) (I.S.B.N. 978-93-81571-48 7); लेखक : डॉ० रज्जन कुमार; प्रथम संस्करण २००१; पृष्ठ : १०, २४; आकार डिमाई; अजिल्द, मूल्य : २६०.००।

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