Book Title: Sramana 2007 01
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

View full book text
Previous | Next

Page 157
________________ श्रमण, वर्ष ५८, अंक १ जनवरी-मार्च २००७ में पार्श्वनाथ विद्यापीठ के प्राङ्गण पार्श्वनाथ विद्यापीठ में ' Yoga in Modern Age' द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं 'Stress Management in Ayurveda & Yoga' विषयक कार्यशाला सम्पन्न वाराणसी। १७ - १८ फरवरी, २००७, भारतीय योग अकादमी, वाराणसी एवं पार्श्वनाथ विद्यापीठ के संयुक्त तत्त्वावधान में 'Yoga in Modern Age एवं 'Stress Management in Ayurveda & Yoga' विषयक द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन पार्श्वनाथ विद्यापीठ में किया गया। जिसमें वाराणसी तथा वाराणसी के बाहर से पधारे लगभग १५ विद्वानों ने अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया। संगोष्ठी का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रो० बेनी माधव शुक्ल, पूर्व कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने किया। उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि वर्तमान सन्दर्भ में योग मानव जीवन के लिए अति आवश्यक है। आज मानव तनावग्रस्त जीवन व्यतीत कर रहा है। जितने भी तनाव हैं उनसे मुक्ति योग द्वारा ही सम्भव है। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन डॉ० के०एम० त्रिपाठी, सचिव, भारतीय योग अकादमी ने किया। मुख्य वक्ता के रूप में पधारे डॉ० एच०एस० के० अग्रवाल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज जन-जन तक योग को प्रचारित एवं प्रसारित करने की आवश्यकता है। योग जितना प्रासंगिक पतञ्जलि के युग में नहीं रहा होगा उससे कहीं ज्यादा प्रासंगिक वर्तमान में हो गया है। मुख्य अतिथि के वक्तव्य के पश्चात् डॉ० बी० के० द्विवेदी, रीडर, आयुर्वेद विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ० ए०के० त्रिपाठी, उप स्वास्थ्य अधीक्षक, आयुर्वेद अस्पताल, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ० के०एम० त्रिपाठी, भारतीय योग अकादमी, वाराणसी, डॉ० सुधा जैन, प्रवक्ता, पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी आदि विद्वानों ने अपना शोध-पत्र प्रस्तुत किया। डॉ० सुधा जैन के शोध-पत्र का विषय था 'तनाव क्यों, कैसे, एवं मुक्ति के उपाय' (जैन दर्शन के परिप्रेक्ष्य में ) । कार्यक्रम के अन्त में पार्श्वनाथ विद्यापीठ, वाराणसी के डाइरेक्टर इन्चार्ज एवं भारतीय योग अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ० श्रीप्रकाश पाण्डेय ने धन्यवाद ज्ञापन किया तथा संचालन डॉ० राजेश झा ने किया।

Loading...

Page Navigation
1 ... 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174