Book Title: Sramana 2007 01
Author(s): Shreeprakash Pandey, Vijay Kumar
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 164
________________ जैन जगत् : १५७ वज्जिका विचार मंच के श्री चन्द्रकिशोर पारासर ने २१वीं शती में विभिन्न माध्यमों से समाज को परोसी जानेवाली सूक्ष्म हिंसा की व्यापक चर्चा की। भारतवर्षीय दिगम्बर जैन महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रावक शिरोमणि श्री निर्मल कुमार सेठी ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा - अहिंसक जीवन-पद्धति के कारण ही भारत विश्वगुरु के रूप में पहचाना जाता है। भारतीय चिन्तन से आज सम्पूर्ण विश्व लाभान्वित हो रहा है। ___व्याख्यानमाला की अध्यक्षता बी०आर०ए० बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के कुलपति डॉ० अशेश्वर यादव ने की। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि संग्रह की प्रवृत्ति ही मूलतः हिंसकवृत्ति के विकास का कारण है। इसी से आर्थिक विषमता और वर्ग-भेद पनपता है। इसलिए अहिंसक विचारों को अधिक गति प्रदान करने के लिए संग्रहवृत्ति को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। धन्यवाद ज्ञापन संस्थान के निदेशक डॉ० ऋषभचन्द्र जैन ने किया।

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