Book Title: Sramana 1999 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 180
________________ १७३ गया। डॉ० जैन ने इस संगोष्ठी में The concept of Reality in Jainism and Buddhism विषय पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया और एक सत्र की अध्यक्षता भी की। स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर में पूर्वाञ्चल में उच्च शिक्षा का संकट विषय पर एक सङ्गोष्ठी हुई जिसमें संस्थान के निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन और वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ० अशोक कुमार सिंह ने भाग लिया। इसी तरह मैत्री भवन, वाराणसी और इन्दिरा गांधी कला केन्द्र, वाराणसी में प्रो०जैन का भावभीना स्वागत किया गया और वहाँ उनके भाषण भी हुए। प्रो० रिमपोछे की षष्ठी पूर्ति के अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रो० जैन ने सारनाथ में आयोजित समारोह में संस्थान की ओर से उनका स्वागत किया। पyषणपर्व के शुभ अवसर पर भेलूपुर एवं रामघाट के श्वेताम्बर जैन मन्दिर परिसर में विद्यापीठ के प्रवक्ता डॉ. विजयकुमार जैन एवं डॉ० सुधा जैन ने अपनी सेवायें अर्पित की और इस अवसर पर आयोजित समस्त कार्यक्रमों में सक्रिय भाग लिया। तेरापंथी समाज, वाराणसी के तत्त्वावधान एवं समणी उज्जवल प्रज्ञा जी के सानिध्य में दिनांक १० एवं ११ अक्टूबर को इन दोनों लोगों ने 'सुखमय जीवन कैसे जीयें' और 'तेरापंथ की उत्पत्ति' पर अपना सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किया। अतिथि आगमन- विद्यापीठ में पिछले दिनों हंगरी के मि० फ्रांसिस, डेनमार्क के मि० साइमन, अमेरिका के मि० पॉल आदि विदेशी विद्वानों का पदार्पण हआ। निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' ने उन्हें विद्यापीठ द्वारा जैन विद्या के अध्ययन के क्षेत्र में किये गये योगदान, वर्तमान शैक्षणिक गतिविधियों एवं भावी योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की। श्रीलंका के राजदूत पार्श्वनाथ विद्यापीठ में- विद्यापीठ के निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' के आमन्त्रण पर दिनांक २५ नवम्बर को दिन में ११ बजे श्रीलंका के उच्चायुक्त महामहिम श्री मंगलमून सिंघे सपत्नीक पार्श्वनाथ विद्यापीठ पधारे, जहाँ निदेशक महोदय तथा संस्थान के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी आगवानी की। उच्चायुक्त महोदय ने सर्वप्रथम यहाँ के संग्रहालय का निरीक्षण किया उसके पश्चात् विद्यापीठ के भव्य सभागार में माल्यार्पण, प्रतीक चिह्न तथा नवीन प्रकाशनों को उन्हें भेंटकर सम्मानित किया गया। अपने वक्तव्य में प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' ने माननीय अतिथि महोदय को विद्यापीठ की शैक्षणिक एवं शोधात्मक गतिविधियों की विस्तृत जानकारी दी। उच्चायुक्त महोदय ने यहाँ की गतिविधियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा विद्यापीठ की शोध की परियोजनाओं में श्रीलंका सरकार के सहयोग का प्रस्ताव भी रखा। इस अवसर पर सुप्रसिद्ध विद्वान् श्री क्रांतिकुमार जी, उनकी धर्मपत्नी, श्री श्वेताम्बर पार्श्वनाथ जन्मभूमि मन्दिर के अध्यक्ष कुंवर विजयानन्द सिंह आदि भी उपस्थित थे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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