Book Title: Sramana 1999 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 186
________________ १७९ कले स्व० पुष्कर मुनि जी महाराज की ९०वीं जयन्ती का आयोजन किया गया। सप्ताहपर्यन्त चलने वाले इस आयोजन में जप, आयम्बिल, नेत्र चिकित्सा शिविर, विकलांग सेवा शिविर, दन्तरोग सेवा शिविर, कवि सम्मेलन, शाकाहार दिवस एवं व्यसनमुक्ति दिवस मनाया गया। अन्तिम दिन २४ अक्टूबर को मुख्य जयन्ती समारोह सम्पन्न हुआ जिसमें कई राजनेता व समाज के गणमान्य जन तथा देश के अनेक भागों से पधारे भक्तों व स्थानीय जैनसमाज के लोगों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। शास्त्रोद्धार-शास्त्र सुरक्षा अभियान समिति द्वारा राजस्थान का दौरा सम्पन्न बीना १ नवम्बर : अनेकान्त ज्ञानमन्दिर, बीना के संस्थापक ब्रह्मचारी श्री संदीप जी 'सरल' के नेतृत्व में शास्त्रोद्धार शास्त्र सुरक्षा अभियान समिति के सदस्यों ने दिनांक २६ अक्टूबर से ३१ अक्टूबर १९९९ तक राजस्थान प्रान्त के विभिन्न स्थानोंसिरोंज, झालावाड़ा, मिश्रौली, केकड़ी, जयपुर, अजमेर एवं टोंक का दौरा किया और वहाँ पाण्डुलिपियों के प्रदर्शन का आयोजन किया। इसी क्रम में श्री भागचन्द्र सोनी जी की नसियाँ, अजमेर की ओर से उन्हें १२०० हस्तलिखित ग्रन्थ भी भेंट किये गये। ज्ञातव्य है कि अनेकान्त ज्ञानमन्दिर, बीना में अब तक साढ़े पाँच हजार हस्तलिखित तथा सात हजार मुद्रित ग्रन्थ संकलित किये जा चुके हैं तथा शोधार्थियों हेतु कम्प्यूटर, फोटो कॉपीयर मशीन एवं भोजन-आवास की भी समुचित व्यवस्था है। जैन विद्या के प्रकाण्ड विद्वान् महोपाध्याय विनयसागर जी का अभिनन्दन जयपुर १४ नवम्बर : जैनधर्म, संस्कृति एवं साहित्य की सेवा में पूर्ण समर्पित महो० विनयसागर जी का भव्य अभिनन्दन समारोह दिनांक १४ नवम्बर १९९९ को जयपुर में आयोजित किया गया। प्राकृतभारती अकादमी, जयपुर तथा श्री जितयशाश्री फाउण्डेशन, कलकत्ता के संयुक्त तत्त्वावधान में आयोजित यह समारोह गणिवर्य श्री महिमाप्रभ सागर तथा मुनिद्वय श्री चन्द्रप्रभ सागर व श्री ललितप्रभ सागर की पावन निश्रा में सम्पन्न हुआ जिसमें राजस्थान के मुख्यमन्त्री माननीय श्री अशोक गहलोत मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। अभिनन्दन समारोह के इस अवसर पर विनयसागर जी को उनके जीवन, साहित्य एवं विचारों के समीक्षात्मक अध्ययन सहित एक अभिनन्दन ग्रन्थ भी भेंट किया गया। इस भव्य समारोह में प्रो० एम० ए० ढाँकी, प्रो० सागरमल जैन, डॉ० नागेन्द्र, डॉ० फतेह सिंह, श्री कलानाथ शास्त्री जैसे मूर्धन्य विद्वान् उपस्थित थे। ___ महाशिला-अभिलेख : तेरापंथ इतिहास का एक प्रहरी अजमेर : प्रज्ञा-शिखर चेरिटेबल ट्रस्ट के तत्त्वावधान व आचार्य महाप्रज्ञ के Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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