Book Title: Sramana 1999 10
Author(s): Shivprasad
Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi

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Page 184
________________ जैन जगत् सर्वधर्म अहिंसा सम्मेलन सम्पन्न नई दिल्ली २ अक्टूबर -- श्री जिनकुशलसूरि जैन छोटी दादावाड़ी, साउथ एक्सटेंशन, नई दिल्ली में गांधी जयन्ती के अवसर पर खरतरगच्छ के प्रभावक मुनि श्रीमणिप्रभसागर जी के सानिध्य में सर्वधर्म अहिंसा सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें जैन समाज के सभी सम्प्रदायों के सन्तों के अलावा बौद्ध, सिक्ख, सनातन, मुस्लिम और ईसाई धर्म के धर्मगुरुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर ४ प्रस्ताव पेश किये गये जिन्हें सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया। साथ ही उन्हें कार्यान्वित करने के लिये शीघ्र ही एक संयुक्त बैठक करने का भी निर्णय लिया गया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। सिद्धान्ताचार्य पं. फूलवन्द्र शास्त्री स्मृति व्याख्यानमाला सम्पन्न वाराणसी २-३ अक्टूबर : श्री गणेशवर्णी दिगम्बर जैन शोध संस्थान, नरिया, वाराणसी के तत्त्वावधान में दिनांक २-३ अक्टूबर १९९९ को सिद्धान्ताचार्य पं० फूलचन्द्र शास्त्री स्मृति चतुर्थ व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मद्रास एवं मैसूर विश्वविद्यालय के प्राकृत एवं जैनविद्या विभाग के पूर्व अध्यक्ष एवं सुप्रसिद्ध विद्वान् प्रो० एम०डी० वसन्तराज ने गुरुपरम्परा से प्राप्त जैनागम नामक विषय पर तीन व्याख्यान प्रस्तुत किया, जिनमें से एक की अध्यक्षता पार्श्वनाथ विद्यापीठ के निदेशक प्रो० भागचन्द्र जैन 'भास्कर' ने की। हरिद्वार में मुनिश्री जम्बूविजयजी की पावन निश्रा में पर्युषण पर्व सम्पन्न हरिद्वार ६ अक्टूबर : श्रीचिन्तामणि पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर मन्दिर, हरिद्वार में पूज्य मुनिश्री जम्बूविजय जी की पावन सानिध्य में पर्युषणपर्व सोल्लास सम्पन्न हुआ। पर्व के प्रथम तीन दिन मध्याह्न में २.३० से ४.३० तक मुनिश्री ने पञ्चसूत्र तथा पर्व के चौथे से सातवें दिन तक प्रात: व मध्याह्न में श्रीकल्पसूत्र की व्याख्या की। इस अवसर पर देश के विभिन्न स्थानों से पधारे भक्त श्रावक-श्राविकाओं ने विभिन्न धार्मिक क्रिया-कलापों को विधिपूर्वक सम्पन्न किया। यहीं नवम्बर-दिसम्बर में बड़े समारोहपूर्वक जिनमन्दिर प्रतिष्ठा का भी आयोजन हुआ। ३ दिसम्बर को मुनिश्री पावन निश्रा में कु० उषा शाह ने भागवती दीक्षा ग्रहण की। इस अवसर पर सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री वैंकट चैलय्या मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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