Book Title: Sramana 1994 10 Author(s): Ashok Kumar Singh Publisher: Parshvanath Vidhyashram Varanasi View full book textPage 2
________________ सम्पादक डॉ० अशोक कुमार सिंह वर्ष ४५ एक अशुमाली प्रो० सागरमल जैन १. भारतीय दर्शन में मोक्ष की अवधारणा २. कर्म और कर्मबन्ध ३. महावीर निर्वाण भूमि पावा : एक समीक्षा ४. आचार्य सम्राट पूज्य श्री आत्माराम जी महाराज : ५. जैन अक्टूबर-दिसम्बर, १९९४ प्रस्तुत अङ्क में 'महापुराण : एक कला परक अध्ययन ६. पुस्तक समीक्षा ७. मातृकापद शृंगाररसकलित गाथाकोश (हिन्दी अनुवाद ) Jain Education International डॉ० राजीव प्रचण्डिया हीरालाल जैन सह-सम्पादक डॉ० शिवप्रसाद डॉ० नन्दलाल जैन १०- २२ डॉ० जगदीशचन्द्र जैन २३ - २५ अंक १०-१२ कुमुद गिरि For Private & Personal Use Only १ - ९ २६ - ३२ ३३ - ३६ ३७ 1 वार्षिक शुल्क चालीस रुपये यह आवश्यक नहीं कि लेखक के विचारों से सम्पादक अथवा संस्थान सहमत हो । ४७ एक प्रति दस रुपये www.jainelibrary.orgPage Navigation
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