Book Title: Sikandar aur Kalyan Muni
Author(s): Dharmchand Shastri
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 8
________________ सिकन्दर के दूत का प्रवेश... । सम्राट की जय हो। महान सम्राट सिकन्दर ने मिश्र ईरान और तक्षशिला को जीत लिया है। आपभी आधीनता स्वीकार करलें। ROMIMRAN । दूत जाओ,अपने सम्राटसे कहना, स्वतंत्रता हमें प्राणों से भी प्यारी है। आधीनता हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते । महाराज | सिकन्दर महान की विशाल Y दूत | जाओ, हमें तुम्हारी सेना है। अस्त्र-शस्त्रों से सज्जित है। लाशों सलाह की आवश्यकता के ढेर लग जायेंगे, दर्भाग्य को न नहीं हारजीत का बलायें। में निवेदन करता हूं. परिणाम युद बतायेगा आधीनता स्वीकार कर लें। bujulus

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