Book Title: Shrutsagar 2016 12 Volume 07
Author(s): Hiren K Doshi
Publisher: Acharya Kailassagarsuri Gyanmandir Koba

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Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org SHRUTSAGAR 18 ए भणता सवि सुख मिले रे, वलि होइ मंगलिमाल रे, लक्ष्मी नव निधि पामीइ रे, होवइ बुद्धि विशाल रे श्रीउन्नतपुर-संघाग्रहि रे, स्तवन किआ मतिचंग रे, सुधनहर्ष पंडित कहइ रे, भणत सुणत होइ रंग रे ढाल - वली राग - धन्यासी । Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir December-2016 श्री उन्नतपुर...॥८॥ श्रीउन्नतपुर....॥९॥ श्रीविजयदानसूरिंद पट्टोधर, सूरिगुरु हीरविजयाभिधाना, नगर गंधारथी जेह तेडाविआ, साहि श्रीअकबरिं दत्तमाना ॥१॥ धर्मनुं तत्त्व पूच्छ्य सवे ते कह्युं, साहकुरां कुंअरि धर्मधीरिं, अति विशेषिं प्रकासी कृपा तिहां गुरिं, तेह मनमां धरी तूपवीरिं, श्रीविजय...॥२॥ पर्व पज्जूसणिं दिवस द्वादश लगिं, कुणिं कुण जीवनो वध न करवो, इस्यां फुरमान करि सुगुरूनई अप्पिआ, नहिं कृपा विणि किसिं जन्म तरवो, श्रीविजय...॥३॥ द्वादश क्रोशनुं जे सदा जल भर्यु, नाम डाबर सरो जाण दरिउं, श्रीहमाऊ सुतइवलिअ लखी अप्पिअं, जाल प्रक्षेपइ न मिंन करिउ, For Private and Personal Use Only श्रीविजय...॥४॥ मात नाथीतनुंज जगतआनंदकर, जे सकल जन उद्योतकारी, तास शिशु धर्मविजयाभिधो बुधवरो, जे सदा विमलतर धर्मधोरी, श्रीविजय...॥५॥ तास पदयुग्म अंभोज मधुकर समो, तास शिशु विबुध धनहर्ष भाषइ, पंच ए जिनाधीश संस्कृति थकी, प्रगट हुअं पुण्यरससुधा चाखइ, श्रीविजय...॥६॥ ॥ इति श्रीतीर्थमालास्तोत्रे श्रीशांतितीर्थंकरस्तवननामाधिकार संपूर्णम् ॥ शुभं भवतु ॥ कल्याणमस्तु । श्रीरस्तु || आरोग्यमस्तु ॥ दीर्घायु ॥

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