________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
32
SHRUTSAGAR
December-2016 छ:री पालित यात्रा संघ का आयोजन कर “जग में तीरथ दो बड़े शखंजय गिरनार...” इस प्रसिद्ध उक्ति को चरितार्थ किया जा रहा है. २१ दिसम्बर को गिरनार तीर्थ से पालीताणा की ओर संघ प्रयाण करेगा. प्रयाण से पूर्व १८, १९ व २० दिसम्बर २०१६ को गिरनार तीर्थ में रत्नत्रयी महोत्सव का त्रिदिवसीय आयोजन किया जा रहा है. जिसमें चतुर्विध संघ के साथ गिरनारतीर्थ की यात्रा, सामूहिक भक्तामर पाठ, नवग्रह पाटला पूजन तथा महामंगलकारी शांतिस्नान पूजन का कार्यक्रम होगा. संघयात्रा में प.पू. आचार्यप्रवर श्री वर्धमानसागरसूरीश्वरजी म. सा., पू. आचार्य श्री विनयसागरसूरीश्वरजी म. सा., पू. आचार्य श्री देवेन्द्रसागरसूरीश्वरजी म. सा., पू. आचार्य श्री विवेकसागरसूरीश्वरजी म. सा., पू. आचार्य श्री अजयसागरसूरीश्वरजी म. सा. तथा २५ से अधिक प. पू. साधु-साध्वीजी भगवन्तों की पावनकारी निश्रा में प्रभुभक्तिमय विविध धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व साहित्यिक आयोजन किए जाएंगे. ३ जनवरी २०१७ को संघ पालीताणा पहुँचेगा तथा ४ जनवरी २०१७ को संघमाल का कार्यक्रम सम्पन्न होगा.
मृतेष्वजनमात्रेपि सूतकं जायते किल। अस्तंगते दिवानाथे भोजनं क्रियते कथं ॥
यदि मृत स्वजन के लिए सूतक का पालन (भोजनादि वर्जित) किया जाता है, तो दिन के स्वामी (सूर्य) के अस्त हो जाने पर कैसे भोजन किया जा सकता
अनायके न वास्तव्यं न वास्तव्यं बहुनायके॥ स्त्रीनायके न वास्तव्यं न वास्तव्यं बालनायके॥
(कैलाससागरसरि ज्ञानमंदिर प्रत नं-३४८७५) जहाँ कोई नायक (मुखिया) न हो, वहाँ नहीं रहना चाहिए. जहाँ बहुत सारे नायक हों, वहाँ भी नहीं रहना चाहिए, जहाँ स्त्री नायक हो, वहाँ भी नहीं रहना चाहिए तथा जहाँ बालक नायक हों, वहाँ भी नहीं रहना चाहिए.
(कलास
For Private and Personal Use Only