Book Title: Shrimad Bhagawat ki Stutiyo ka Adhyayana Author(s): Harishankar Pandey Publisher: Jain Vishva BharatiPage 13
________________ प्रकाशकीय भारतीय-साहित्य में श्रीमद्भागवत का महत्त्व सर्व विदित है और यह ग्रंथ विद्वानों तथा भक्तिप्रिय सर्व-सामान्यजनों में भी हजारों वर्षों से अतिशय लोकप्रिय रहा है। इसका महत्त्व एवं व्यापक लोकप्रियता इसी तथ्य से प्रकट है कि श्रीमद्भागवत कथा के कथावाचक विद्वानों को लोक में 'भागवती पंडित' की संज्ञा से अभिहित किया जाता है और उसकी पहचान अन्य शास्त्रज्ञों से पृथक्शः की जाती है। ऐसे महत्त्व के भक्ति-ग्रंथ में विद्यमान स्तुतियों का समीक्षण डॉ० हरिशंकर पांडेय ने व्यापक काव्यशास्त्रीय परिप्रेक्ष्य में किया है।। मैंने डॉ. पांडेय के इस समीक्षा कार्य का अत्यन्त एवं रुचि मनोयोग से अवलोकन किया है। डॉ. पांडेय ने श्रीमद्भागवत की स्तुतियों का शोध के विविध आयामों से बहुत अच्छा वैदुष्यपूर्ण गंभीर विश्लेषण विवेचन किया है । मुझे विश्वास है, विद्वज्जगत में इसका समादर होगा। डॉ० पांडेय के लिए शुभकामनाएं है कि वे अपने गम्भीर अध्ययन एवं अनुसंधान से भारतीय ख्याति के ऐसे ग्रन्थों का मर्म उद्घाटित करके यशस्वी हों। शिवरात्रि, १ दिसम्बर १९९४ मांगीलाल जैन (का०) कुलपति जैन विश्वभारती संस्थान मान्य विश्वविद्यालय लाडनूं (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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