Book Title: Shatrunjaya Mahatmya
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 5
________________ अनुक्रमणिका. bu विषय सर्ग पेहेलो १ पंचपरमेष्टिनी स्तुतिरूप मंगलाचरण. २ शत्रुजयमाहात्म्य ग्रंथनी रचना संबंधि अधिकार, ३ शत्रुजयमाहात्म्यनो महिमा. ४ श्री वीरप्रजुनुं श्री शत्रुजय प्रते आगमन. ५ श्री शत्रुजय पर्वतर्नु तथा तेनी आसपासनां स्थानकोतुं अलं. ____कारिक वर्णन. ६ कंडु राजानुं वृत्तांत. 5 शासनदेवी अंबीकाएकंडुराजाने कहेलो श्रीशत्रुजय तीर्थनोमहिमा ७ कंडुराजाने मुनिए कहेलु चारित्रनुं लक्षण. ए वीरप्रजुनी आसपास रहेला मुनिउँनुं वर्णन. १० देवोए बनावेलां समवसरणनी रचनानुं वर्णन ११ सौधर्मे करेली श्री वीरप्रजुनी स्तुति. १५ श्री वीरप्रजुए दीधेली देशनानुं वर्णन. १३ सौधर्मेझे श्री वीरप्रजुने पुढेलो शत्रुजय तीर्थनो महिमा. १४ श्री वीर प्रजुए कहेलो शत्रुजय तीर्थनो महिमा. १५ श्री शत्रुजय तीर्थनां नामो. १६ श्री शत्रुजय पर्वतनां शिखरो. १७ श्री शत्रुजय पर्वतना मुख्य शिखरनो महिमा. १७ श्री शत्रुजयपर रहेली रायणनो महिमा. सर्व बीजो. १ए सूर्यावर्त कुंडनो महिमा. २० महीपालनी कथा. १ महीपाल योगी तथा योगिनीनुं वृत्तांत. २५ वांदरानुं तथा राक्षसनुं वृत्तांत. २३ महाकालयदनुं वृत्तांत. २४ मुनिए कहेलो धर्मोपदेश. HeaEEsunam Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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