Book Title: Shatrunjaya Mahatmya Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 6
________________ अनुक्रमणिका. २५ एक बगलानुं वृत्तांत. २६ गुणसुंदरी तथा विद्याधरनुं वृत्तांत. २७ त्रिवि क्रिम राजानुं वृत्तांत. २० केवली महाराजनो उपदेश. शए गुणसुंदरी साथे महिपालनो विवाह. ३० महीपालने थएलो कुष्ठरोग. ३१ चैत्री पुनेमने दिवसे विद्याधरोनुं सिझगिरिपर श्रागमन. ६४ ३२ सूर्योद्याननो महिमा. ३३ विद्याधरनी स्त्रीए सींचेला तीर्थोदकथी महिपालनुं रोगोथी मुक्तथर्बु ६६ ३४ महीपालनु पूर्वजवनुं वृत्तांत. ३५ महीपालनुं मोक्षगमन. सर्ग त्रीजो. ३६ कुखकरोतुं वृत्तांत. ३७ षनदेव प्रजुनो जन्म. ३० षनदेव प्रजुनो जन्मानिषेक. ३ए इंडोए करेली प्रजुनी स्तुति. ४० सें करेली प्रजुना वंशयी स्थापना. ४१ षनदेव प्रजुनो राज्याभिषेक. ४२ विनीता नगरीनी रचना. ४३ लोकांतिक देवोनुं आगमन. ५४ प्रजुनो दीदा महोत्सव. ४५ लरतराजानुं वृत्तांत. ४६ श्रेयांसकुमारे प्रजुने करावेलुं पारj. ४७ षनदेव प्रनुमाटे मरुदेवा मातानो खेद. ४ षजदेव प्रजुने केवलज्ञान थवानुं वृत्तांत. ४ए जरतराजानी आयुधशालामां चक्रनी उत्पत्तिनुं वृत्तात. ५० मरुदेवा माता सहित नरत महाराजनुं प्रजु पासे ज. ५१ प्रजुना समवसरणने जोश मरुदेवा माताने थएलुं केवलज्ञान, तथा तेमनो मोद. ए Go ६ स ԵՆ GG Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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