Book Title: Shatrunjaya Mahatmya Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 7
________________ अनुक्रमणिका. जरत राजाए करेली प्रजुनी स्तुति. ३ शषनदेव प्रभु करेलो उपदेश. २४ प्रभु करेली चतुर्विध संघनी स्थापना. ५५ गणधरोए करेली द्वादशांगीनी रचना. ५६ जरत महाराजे करेलो चक्रनो महोत्सव. ७ जरत चक्रीतुं दिग्जय माटे प्रयाण. ५० चक्रीनुं मागध तीर्थप्रते श्रागमन. ५ चक्रीनुं मागधेश्वरप्रते बाणनुं फेंक. ६० मागधेश्वरने थलो कोप. ६१ चक्रीनं वरदाम तीर्थप्रते आगमन. ६२ चक्रीनुं प्रनास तीर्थप्रते श्रागमन. ६३ प्रजासेशे कहेलं तीथों दकनुं वृत्तांत. ६४ चक्रीनुं महासिंधुप्रते गमन. ६५ चक्रीनुं वैताढ्यप्रते गमन. ६६ चक्रीनं तमिस्रा गुफाप्रते गमन. ६७ सेनापति सुषेणनुं म्लेछ देशोप्रते गमन. ६० तमिस्रा गुफानुं उघाडवुं. ६७ म्लेबोनो उत्पात. ७० चक्रीना सैन्यमां रोगोनो उपद्रव. ७१ शत्रुंजयपर रहेली रायणना पत्रादिकथी चक्रीना सैन्यमां थएलो रोगोनो नाश. ७२ म्लेछोनुं शरणे याववुं. ७३ चक्रीनं कद्र हिमाप्रिते गमन. १४ नमिविन मिनुं वृत्तांत. ७५ गंगासाथे चक्रीनो विलास. ७६ ईशानेंनुं पूर्व जवनुं वृत्तांत. 99 चक्रीनुं खंडप्रपात गुफाप्रते गमन. ७८ चक्रीने नव निधानोनी प्राप्ति. gu चक्रीभुं अयोध्याप्रते श्रागमन. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only 5 დი დე १ श् श् ३ ६ g Uu २०० १०० १०१ १०२ १०२ १०२ १०३ १०३ १०७ २०७ २०७ १०८ २०० ११० १११ ११३ ११३ ११४ www.jainelibrary.orgPage Navigation
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