Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 16
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
View full book text
________________ // 810 // // 811 // // 812 // // 813 // // 814 // // 815 // एवं तित्थविआरे कसवट्टे परिक्खिअस्स तित्थस्स / आयत्तो सिद्धंतो अत्थि अतित्थस्स नायत्तो सो सामाइअमाई दुवालसंगि त्ति संगओ सयलो। जिणभासिअत्थमूलो सीसपसीसाइकयरयणो तेणेवेगं पिपयं वक्खाणिज्जंतमेव सव्वमुहं / अणुओगदारविहिणा परुप्परं जेण साविक्खं जमुवक्कमनिक्खेवाणुगमणएहिं पि होइ वक्खाणं / पयमित्तस्स वि सुत्ते सुत्तं पुणऽणेगहा पयर्ड एवं सुअवक्खाणे पुण्णेहिं पइपयं पि जिणपडिमा / पच्चक्खा वि अ आगमभणिआ सुणिआ य तित्थम्मि अह भरहचक्कवट्टिप्पमुहेहिं कराविआ य जिणपडिमा / सिरिनाभसूरिपमुहप्पइट्ठिआ पुण्णचुण्णेणं गोअमपमुहमुणीहिं थुणिआ तह वंदिआ य भत्तीए / सुत्तत्थो खलु पढमो इच्चाइअ.भगवईभणिअं . कज्जं साहणसज्झं लोअपसिद्धं ति सुणिअ सिवमग्गे। णाणाइ तस्स साहणमिह पुत्थयपडिमपमुहं ति चेइअसद्दत्थ 1 मुणिप्पमुहाणं निययकिरिअउवओगो। जिणपडिमाणं 2 आणंदप्पमुहष्णं पि उवहाणं 3 संखेववित्थराणं सुसंगई नामसूइआणं पि 4 / . अण्णह अइप्पसंगो लोअपसिद्धो महादोसो 5 जं पुण कुवक्खिआणं महानिसीहं पि होइ अपमाणं / तत्थ निमित्तं 6 लुंपग हिओवएस पि मित्तीए 7 भगवइजीवाभिगमे चेइअसद्देण अरिहपडिमुत्ति / रायपसेणिअणायाधम्मेसु न साहु अरिहंति // 816 // // 817 // // 818 // // 819 // // 820 // // 821 // . 427 .. .
![](https://s3.us-east-2.wasabisys.com/jainqq-hq/ff14cb3de354aacbd37f9dc017f2b1a7bd3f93c554851f204f0ceb548d492f7c.jpg)
Page Navigation
1 ... 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458