Book Title: Shastra Sandesh Mala Part 16
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 439
________________ संघथए जुगपवरा जे भणिआ तेसि संपयं जुत्तो। . विरहो न कालसंखासंकलणे इअ वयं तस्स ... // 844 // तेसु वि नामग्गाहं जे भणिआ सूरिणो महाभागा। उदयजुगे तेसिक्को नो दीसइ गुज्जरप्पमुहे // 845 // तम्हा कत्थ वि अण्णत्थ साहुणो संति निअमओ भरहे। तेसि निस्सा धम्म मणसीकाउं पवट्टामो // 846 // एवं तस्सुवएसो केवलमुबघायगो पवयणस्स। मूढाण मोहजणओ धिक्कारपहो उ पण्णाणं , // 847 // पच्चक्खचक्खुविसया न हुंति मुणिणो वि जस्स वग्गस्स। तज्जाईओ सड्ढो न हुज्ज पासत्थपमुहा वि // 848 // जम्हा अद्धं तित्थं न हुन्ज कइआ वि सडसड्डीओ। पासत्था पुण निअमा सुसाहुअविक्खया समए // 849 // चाउव्वण्णो संघो तित्थं तत्थ विअ तइअठाणगओ। सड्डी साहुअभावे तित्थगओ नेव सड्डो वि // 850 // उप्पत्ती पुण जुगवं जुगवं विगमो वि होइ तित्थस्स / तस्सऽद्धं जस्स मयं मयमाया तस्स खीरपया // 851 // पासत्थाईणं चिअ संते तित्थम्मि होइ उप्पत्ती। जह संतम्मि सरीरे मलाइणो ननहा हुंति // 852 // जं भणिअं संघथए इच्चाई तं पि मोहविण्णाणं / सुगुरुवएसाभावे कडुओ अण्णाणआवरिओ // 853 // जुगपवराणं मझे जुगवं जाया य के वि जुगपवरा / तव्वरिसाणि अगणणापंतीइ ठविज्ज मूढमई // 854 // गूजरपमुहे समणा न हुंति जइ आगमो वि नो हुज्जा। सावयकुलजिणपडिमाठिई वि कह संभवइ भरहे? * // 855 // 430

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