Book Title: Saraswatimahapoojan Author(s): Suryodaysuri Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti View full book textPage 8
________________ श्री सरस्वतीमहापूजन २०. वस्त्रपूजा माटे सफेद रेशमी-भरेली किनारीवाळी साडी साथे रूपानुं छत्र तथा रू. २५। - २५ | रोकडा मूकवा. २१. आभरणपूजामां नीचे प्रमाणे सोल शणगारनी वस्तुओ मूकवी. (१) नथडी, (२) मुद्रिका (वीटी), (३) दामणी, (४) कंकण जोडी-१, (५) केयूर (बाजुबंध) (६) माथानो मुगट, (७) काननां कुंडल जोडी१, (८) मुक्ताहार (मोतीनो हार), (९) कटिमेखला, (१०) नूपुर (झांझर), (११) रेशमी सफेद साडी, (१२) सिंदुरियुं. (१३) कंकु, (१४) हाथीदांत के सुखडनी कांसकी, (१५) अत्तरनी शीशी, (१६) पुष्पमाला रचना १. विद्याप्राप्तिनी इच्छावाळाए शक्य होय तो पूर्वाभिमुख बेसबुं. २. प्रथम त्रण नवकार गणी त्रिगडुं, पाट वगेरे स्थापन करवू पछी त्रण नवकार गणी श्रीमहावीरस्वामी भगवान, श्रीगौतमस्वामी तथा श्रीसरस्वती देवीनी प्रतिमा पधराववी. आराधनविधि त्रण दिवसमां आयंबिलना तपपूर्वक ऐं नमः मन्त्रनी १२५ माळा (१२५००) जाप करवाथी विद्या-ज्ञान प्राप्त थाय छे. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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