Book Title: Saraswatimahapoojan
Author(s): Suryodaysuri
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 26
________________ श्री सरस्वतीमहापूजन नैवेद्यपूजा प्रणव-नमस्कारान्वित-चउद्दसपुवीणमिति पदाभिहिताम् । विविधैः पक्वान्नैः खलु, यजामहे भारती देवीम् ।।५।। त्यार बाद नीचेनो मंत्र १०८ वखत बोलवापूर्वक १०८ वखत श्रीसरस्वतीदेवीनी प्रतिमा तथा यंत्रने नैवेद्य चडाव. ॐ श्री सरस्वत्यै नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा । दीपपूजा ॐ नम उज्जुमईणं, पदवाच्यां श्रीसरस्वती देवीम् । बोधप्रकाशजननी, दीपेन यजामहे नित्यम् ।।६।। त्यार बाद नीचेनो मंत्र १०८ वखत बोलवापूर्वक १०८ वखत श्रीसरस्वतीदेवीनी प्रतिमा तथा यंत्रने दीपक दर्शाववो. श्री श्री सरस्वत्यै दीपं दर्शयामि स्वाहा । धूपपूजा विउलमईणं नम -पदाभिधेयां सुरासुरैर्वन्द्याम् । श्रुतदेवतां भगवतीं, सुगन्धधूपैर्यजामि मुदा ।।७।। त्यार बाद नीचेनो मंत्र १०८ वखत बोलवापूर्वक १०८ वखत श्रीसरस्वतीदेवीनी प्रतिमा तथा यंत्रने १०८ वखत धूप उखेववो. ४ा श्री सरस्वत्यै धूपं आघ्रापयामि स्वाहा । फलपूजा प्रणवाद्यं प्रणमामः पदाणुसारीणमिति पदाख्याताम् । श्रुतफलदात्री सुफलैः, सुपूजयामो मुदा देवीम् ।।८।। त्यार बाद नीचेनो मंत्र १०८ वखत बोलवापूर्वक १०८ वखत श्रीसरस्वतीदेवीनी प्रतिमा तथा यंत्रने फल चडाववां. ॐ श्री सरस्वत्यै फलं समर्पयामि स्वाहा । वस्त्रपूजा धवलवसनवृतदेहां, शरदिन्दुसमानधवलवर्णाढ्याम् । धवलैर्महार्घवस्त्रैः, सम्पूज्य नमामि वाग्देवीम् ।।९।। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 24 25 26 27 28 29 30 31 32