Book Title: Saraswatimahapoojan
Author(s): Suryodaysuri
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti

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Page 31
________________ ३० श्री सरस्वतीमहापूजन अगणितगुणदायिनी (२) विश्वे छो अनुपमा. जय....... उर्ध्वगामिनी मा ! तुं उर्चे लइ लेजे, ___ मा ! उर्चे लइ लेजे. जन्ममरणने टाली (२) आत्मिक सुख देजे. जय...... रत्नमयी ऐ रूपा, सदा य ब्रह्म प्रिया, मा ! सद य ब्रह्म प्रिया. करकमले वीणाथी (२) शोभो ज्ञान प्रिया. जय....... दोषो सहुनां दहतां, अक्षय सुख अर्पो, मा ! अक्षय सुख अर्पो. साधक इच्छित अी (२) शिशु उरने तर्पो. जय...... क्षमाप्रार्थना आज्ञाहीनं क्रियाहीनं, मन्त्रहीनं च यत्कृतम् । तत्सर्वं कृपया देवि ! क्षमस्व परमेश्वरि ! ।।१।। आह्वानं नैव जानामि, न जानामि विसर्जनम् । पूजाविधिं न जानामि, प्रसीद परमेश्वरि ! ।।२।। विसर्जन नीचेनो मंत्र त्रणवार बोली विसर्जन करवं. ॐ नमोऽस्तु भगवति ! सरस्वति ! स्वस्थानं गच्छ गच्छ जः जः जः || Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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