Book Title: Saraswatimahapoojan
Author(s): Suryodaysuri
Publisher: Jain Granth Prakashan Samiti
View full book text
________________
99
श्री सरस्वतीमहापूजन श्रीसरस्वतीदेवीनी स्तुति रचयिता - आचार्य श्रीविजयहेमचन्द्रसूरिजी महाराज
(झूलणा छंद - रात रहे जाहरे पाछली खटघडी....) मात हे भगवति ! आव मुज मनमहिं,
ज्योति जिम झगमगे तमस जाये टळी, कुमतिमतिवारिणी कवि मनोहारिणी,
जय सदा शारदा सारमतिदायिनी.......१ श्वेतपद्मासना श्वेतवस्त्रावृता,
कुन्द-शशि-हिम समा गौरदेहा, स्फटिकमाळा वीणा कर विशे सोहता,
कमळ-पुस्तकधरा सर्वजनमोहता.........२ अबुध पण कैंक तुज महेंरने पामीने, ____ पामता पार श्रुतसिन्धुनो ते, अम पर आज तिम देवि ! करुणा करो,
जेम लहीए मति विभव सारो............३ हंस तुज संगना रंगथी भारति !
जिम थयो क्षीर-नीरनो विवेकी, तिम लही सार-निःसारना भेदने,
आत्महितसाधु कर मुज पर म्हेंरने.....४ देवि तुज चरणमां शिर नमावी करी,
एटलुं याचीए विनय भावे करी, याद करीए तने भक्तिथी जे समे,
जीभ पर वास करजे सदा ते समे.....५ मात हे भगवति !
( 90)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32