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प्रास्तिक दर्शन और धार्मिक दर्शन
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सर्वदर्शनसंग्रह ग्रन्थ लिखा है । एक अज्ञात लेखक का एक ग्रन्थ सर्वमतसंग्रह है । नारायण भट्ट ( लगभग १६०० ई० ) ने मानमेयोदय ग्रन्थ में विभिन्न दर्शनों में प्राप्य मान (प्रमाण) और मेय ( प्रमेय) का विस्तृत वर्णन दिया है । महामहोपाध्याय लक्ष्मीपुरम् श्रीनिवासाचार्य ने १९२५ ई० में मानमेयोदयरहस्यश्लोकवार्तिक ग्रन्थ लिखा है ।