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कर्मकाण्ड
४२३
विशेष विवरण
आकार (से० मी०) ८ (क)
पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण |
लिपिकाल प्र० पृ०प्र० पं० (अनु० छन्द में) (ख) ८(ग) ८(घ) ९
१०
२५ x १३
११८
८
२. | अपूर्ण/५९०
१८०६ वि० (मार्गशीर्ष कृष्ण १ भौमवार)
२७ ३४११ ५ ३१५
यह पारस्करगृह्यसूत्र पर हरिहरकृत भाष्य है-इसमें संस्कारों तथा अन्य कर्मकाण्ड विषयों का प्रतिपादन हुआ है
२२४१२.५
| पूर्ण/३०
१७९८ वि०
१६४८.४
| पूर्ण/७५
२४४११
८ २८ | अपूर्ण/८४
२४.५४११
८ २२ | पूर्ण/१८७१८७१ वि०
२५४१४
पूर्ण/६६
३१४१३
| पूर्ण/१७९
१९३७ वि० (माघकृष्ण)
१७.३४१०
| १५ | पूर्ण/७९
७वां, १४वां-पत्र खण्डित
१८x११.३
| २३ | पूर्ण/१३७
२७४११
८ | ३६ | अपूर्ण/६३
२३४११
| १९ | १० | ३२ | पूर्ण/१९०
२०.५४ ११.५ । ७ | १० | २० | अपूर्ण/४४