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कर्मकाण्ड
४२९
विशेष विवरण
आकार (से० मी०)
८ (क) १६.२४१०.३
पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण | प्र० पृ० प्र० पं० (अनु० छन्द में)
। लिपिकाल ८ (ख) .८, १९, अपूर्ण/२९
___ -
ब
२४४११
| २ | ८. ३६ पूर्ण/ १८
२५४१४ | १३ | ३६ अपूर्ण/९८० | १७९२ वि०
(श्रावणशुक्ल
६ चन्द्रवार) २९x१२ । ७ | ३२ | पूर्ण/८८२ १९०९ वि० मन्दिर में देवमूर्तिस्थापना विधि
(भाद्रशुक्ल
सप्तमी) २६.५४ ११.५ १४१ / ७ | २८ पूर्ण/८६३ १८९५ वि० मन्दिर में देवमतिस्थापना विधि
(वैशाखकृष्ण द्वितीया
गुरुवार) २१.४४१०.२ | ९९ | १८ | ३२ | पूर्ण/७८२ | १९६१ वि० | इसमें विवाह, यज्ञ तथा श्रद्धादि में
उपयोगी गोत्रों एवं प्रवरों का परिगणन
किया गया है २२.५४ ११.५ | ६ | १० | २५ | पूर्ण/४७
२७४ १३.८
१२ | ३९ | पूर्ण/५८५
२४४१६
११ | २४ | पूर्ण/२८०.५ ५
५
१९०८ वि०
२५४१६.५
| २८ | पूर्ण/२६२.५
१७४११ ५
| पूर्ण/५४
१५४ १०.५
३३ | ९ | १६ | पूर्ण/१४८.५ . १८९९ वि०
१७.४४१२४२४ | ११ | २० पूर्ण/२९१५ - १८५१ वि०