Book Title: Sanskrit Prakrit Hastlikhit Grantho Ki Suchi
Author(s): Chandika Prasad Shukla and Others
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan

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Page 462
________________ कर्मकाण्ड ४५३ लिपिकाल विशेष विवरण आकार - (से० मी०) ८ (क) . पंक्ति अक्षर दशा/परिमाण पृ०सं० प्र० पृ० प्र० पं० (अनु० छन्द में) ८(ख) २३ ५४१५ ११ | २८ | पूर्ण/२३८७ | १७७९ वि० २७४१० | पूर्ण/३३९ २१.५/२५९.५ | १४ | ९ | २६ | अपूर्ण/१०३ १९x११ १० | २५ | पूर्ण/४७ १७.४४१२.४ पूर्ण/४० १७४९.५ | पूर्ण/४३० ३३ ५४ २० ७ । | पूर्ण/७६८६ |१८६१ वि० । 'कुलार्णवतन्त्र' का एक अंश जिसमें (चैत्र शुक्ल ३ | देवी की तान्त्रिक आराधना विधि गुरौ) निरूपित है १९६१ वि० (जेष्ठकृष्ण १२) २४.५ ११ | २० | पूर्ण/२०२ १७४१३ १८ पूर्ण/२४१ | १८६० वि० (श्रावण कृष्णपक्ष ३ भृगु०) विवाह-संस्कार का विस्तृत उल्लेख २.४१२ | २९ | अपूर्ण २८३ २१x१३.५ || २८ | अपूर्ण/५३५ २१.५४९ ५८ ७ | २२ | पूर्ण/२७९ आद्यन्त विवाहपद्धति का प्रति-पादन किया गया है-न कहीं ग्रन्थ का और न ग्रन्थकार का ही नामोल्लेख हुआ है २३४१२ ९२ | ८ | २६ | अपूर्ण/६२३

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