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आकार
( से० मी०)
८ (क)
३२ १२.५
२२x९
२५x१४
१५x१०
२८x१२
२६४१२
२७.२४११
२५x१३.५
२७×१२
२६×१२
२१.२ x १२
२६.५ × १७.३
२८.३×१४.३
पृ० सं०
८ (ख) ८ (ग) ८ (घ)
४
१६३
१४
१२
१८६ |
८९.
७
६२
पंक्ति अक्षर | दशा / परिमाण प्र० पृ० प्र० पं० (अनु० छन्द में )
९
२५
४५
८
२४
S
१३
७
२४२ १०
८
३ १०
९
७
९
९.
१३
१२
३०
२४ अपूर्ण / ६११
३२ पूर्ण / १८२
१४ पूर्ण / ३७
३७
पूर्ण / ३०
३९ पूर्ण / १८१४
३६
कर्मकाण्ड
२०
४०
११
३२
अपूर्ण / ९२६
अपूर्ण / ५५
पूर्ण / १५१२
पूर्ण / ३७५
३२ | पूर्ण/ ५५८
२४ पूर्ण / १६८
अपूर्ण / २०१
अपूर्ण / २८८
लिपिकाल
१०
विशेष विवरण
११
तीन परिच्छेदों के इस ग्रन्थ में जन्म, मरण, वर्णादिगत अशुद्धियों ( श्रशोचों
शुद्ध पाने के उपायों) तथा अधिकारियों आदि का वर्णन किया गया है। प्रमाणरूप में प्राचीन धर्मशास्त्रग्रन्थों के उद्धरण दिए गए हैं।
अति प्राचीन देवी की तान्त्रिक अर्चनाविधि तथा
कालीसहस्रनाम
१८४६ वि० ( बैशाख २ )
3
१८५० वि०
( श्रावण कृष्ण पितृ श्राद्धविषयक श्रेष्ठ ग्रन्थ (२ गुरुवार)
४६१
१९१०वि० | दाहसंस्कार से लेकर द्वादशाह की सपिण्डीकरण तक की श्राद्ध प्रक्रिया