Book Title: Sanskrit Prakrit Hastlikhit Grantho Ki Suchi
Author(s): Chandika Prasad Shukla and Others
Publisher: Hindi Sahitya Sammelan

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Page 456
________________ आकार. (से० मी०) ८ (क) २१४९.५ १३×२३ ३०x१२ २४×११.५ १९११.५ २२x१२ २७४१२ २४×११.५ ६०x१३.५ २५×११ २०.५x११ १८x२९ १७४१२ पृ०सं० ८ (ख) ८ (ग) ८ (घ) ६५ ७ ३२ २ २० ४ २४६ ५४ १३ | १७७ ६३ पंक्ति अक्षर | दशा / परिमाण प्र०पृ० प्र० पं० (अनु० छन्द में) ९ १७ ११ २ ९ ८ ५ ८ १ ६२ ७ ९ १८ १६ ८ १३ ४० पूर्ण / ५५ २२ ९ १२ ३२ १५ २५ पूर्ण / १७३० ३६ २४ ३२ पूर्ण / ४५५ पूर्ण / २० ३५ कर्मकाण्ड पूर्ण / २९७ अपूर्ण / ६ पूर्ण / १५९३ पूर्ण / ३३० पूर्ण / २९ पूर्ण / १०८ अपूर्ण / १६७ २० पूर्ण / २० २० अपूर्ण / १२ लिपिकाल १० १८२८ वि० (शाके १६९३) १९२३ वि० (फाल्गुनसुदि सुचारु रूप १२रविवार) १८९१ वि० (श्रावण शुक्ल १४ चन्द्रवार) १८८७ वि० विशेष विवरण | १८७४ वि० पाँच पटलों में पूर्ण रामार्चन का शाके १७३९ | प्रयोग कर्मकाण्ड के रूप में हुआ है प्रसिद्ध रुद्राष्टाध्यायी संग्रहीत है १९१४ वि० ११ ४४७ रुद्रपूजन, जप, आहुति आदि का विचार;

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