Book Title: Sankalan 02 Author(s): Viniyog Parivar Publisher: Viniyog Parivar View full book textPage 2
________________ વિનિયોગ પરિવાર સંકલનની સાંકળ १. गोरक्षा माटे डटिजट्टजनीः -शुश्मात शे रशे ?............ आधि जैन सामाछि मूल्यांकन ક્રમાંક २-3- 7 २. उत्तरजाना करता याग रयेक्षाजे वधु लथान नेवा संरीरानापर्यम जानत हूंडी माहिती- संरगाम विटेशी गाय.. 3. इतसनाने ता पशुसोने जयापवा मातथी माहेशना शार्थि अरोनो डेस न्ठी ज्यावे..... रछे यशुपासन भने पशुपछेरनी ट्युवानोने जावान )...... है. मांसहारनो विश्वव्याया प्रयार उरनार पश्चिमी देशोमा या मांसाहारनो विरोध-------- ५. उत्तरमागरे मनो यूरवहो जपथावते माटे पशुमेणामो छ वा उपर विशेष ध्यान मापवान्री पर...... ६. देवनार इतरनाना जानत..---. . . . 9. मांसनी निशस संगे जेड समायार........ तहिंसा वटवाना डारो ना मूलमा.... ह. रेशना सार्वलोमत्व पर मुसो महार मेरो गडंडेस- ड्रा" विस्तृत माहिती........ ૧ રPage Navigation
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