Book Title: Samykatva Saptati
Author(s): Lalitvijay
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 484
________________ सम्य० ॥२२९॥ LOCRACANCERRORSCORCH जहा धणत्थिणो चत्तारि पुरिसा भमंता कमेण लोहरुप्पसुवण्णरयणाणि पाविऊण पुत्वपुवपत्तवत्थुपरिहारेण सटी उत्तमवत्थुसंगहेण आजम्मं सुहभायणं जाया, तम्मज्झे एगो पुण कुबहिलचित्तो पुवपत्तं लोहं कहं चएमित्ति बहुवारमवरेहिं वारिओऽवि भणइ, तओ स दुक्खी जाओ, एवं महाराय ! तुमंपि कुलकमागयं नत्थियमयमचयंतो नरयाइदुक्खभायणं पुर्वव भविस्ससि । तओ रण्णा पुच्छिया गुरुणो-मया कहं दुक्खरिंछोली पुवभवे । अणुहूया, ता पसिय कहेसु । गुरुवि भणिउमाढत्तो-इत्थेव भारहे वासे नवगामनामे गामे अज्जुणनामओ कुलपुत्तओ आसि, तस्स य सुसावगो सुहंकराभिहो मित्तो जाओ । अन्नया तत्थ गामे मुणिणो समागया, तया सुह-16 करेण भणिओ अज्जुणो-बंधव ! वचामो मुणिपासं, सुणेमो जिणधम्म, तओ अज्जुणेणुत्तं-वयंस ! मए नायमेवागमरहस्सं-लोयभोलवणकए धुत्तेहिं कयाई कबाई कमेण सिद्धंतो संवुत्तो, एवं नियहिययाभिप्पायं पयासंतेण कुकम्ममजियं, कालकमेण मरिऊण अज्जुणो छगलओ जाओ, तओ तस्सव निमित्तदिणे अज्जुणनं-15 दणेण स छागो वावाइऊण माहणाण दिन्नो तप्पुण्णकए। तओ रासहो जाओ, बहुयरं ताडिजंतो भारंग वहेइ, खुहापिवासातरलिओ अणिट्ठविट्ठाइभक्खणेण कालं गमन्तो कयावि बहुभारपीडिओ पडिओ भण्डगाणमुवरि, तओ रुटेण कुम्भयारेण लउडएण तहा पहओ जहा मओ। तओ गडसूयरो जाओ, असुइमज्झे लुटुंतो भक्खं| तो आहेडियभसणेण सवणेण गहिय विरसमारसंतो मारिउ भक्खिओ। तत्तो चुत्तो करहो, सोऽवि महाभारवहणपरिस्संतगत्तो तडिणीदुत्तडिपडणपीडियसवंगो कडु रडंतो दुहसंतत्तो मरिय गुवरगामे धणनामगस्स वणिणो मूयगो । Jan Education a l For Private & Personal use only nelibrary.org

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