Book Title: Samyaktva Kaumudi
Author(s): Jinharsh Gani, Vijayjinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 1
________________ श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-ग्रन्थाङ्कः-१३१ ॥श्री महावीरजिनेन्द्राय नमः ।। ॥ हालारदेशोद्धारक पू. आ. श्रीविजयामृतसूरिभ्यो नमः॥ तपोगच्छनायक श्री सोमसुन्दरमरि-श्री मुनिसुन्दरसूरि-श्री जयचन्द्रसूरि शिष्य पण्डित श्री जिनहर्ष गणि कृता EXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX ज सम्यक्त्व-कौमुदी KXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXXX सम्पादकः संशोधकश्वतपोमूर्ति पूज्याचार्यदेव श्रीविजयकर्पूरसूरीश्वर-पट्टधर-हालारदेशोद्धारक-पूज्याचार्यदेव श्रीविजयामृतसूरीश्वर-पट्टधरः पूज्याचार्य श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः सहायक : ४५, दिग्विजय प्लोट जामनगरस्थः श्री हालारी विशा ओसवाल तपगच्छ उपाश्रय धर्मस्थानक ट्रस्टः प्रकाशिका-श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-लाखापावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) वीर सं० २५१० । वि० सं० २०४० : सन् १९८४ : प्रतयः ७५०

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