Book Title: Samveg Rangshala
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh
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२७९६
अस्सुयमदिट्ठपुव्वं, इय अस्सुयमदिट्ठपुव्वं, इय अह अट्ठमतवकम्मे, परिणमअह अडवीए मझे, चिलाइअह अड्ढरत्तसमए, समागया अह अणुकमेण संपइ, अह अणुमग्गेणं चिय, अह अण्णम्मि अवसरे, दमअह अण्णया कयाइ, पसमियअह अण्णया कयाइ, वच्चंता अह अण्णया कयाइ, विरहम्मि अह अण्णया कयाइ, सो अह अण्णया कयाई, अत्थाणीअह अण्णया कयाई, अत्थाणीअह अण्णया कयाई, उज्जेणि- अह अण्णया कयाई, केवलिअह अण्णया कयाई, जायअह अण्णया कयाई, तीए अह अण्णया कयाई, तुमए अह अण्णया कयाई, पयंडअह अण्णया कयाई, पुरअह अण्णया कयाई, स अह अण्णया कयाई, सलिलोअह अण्णया कयाई, हंतुं अह अण्णया कयाई, हरिधणुअह अण्णया जिणिदो, अह अण्णया नराहिव-चरीउ अह अण्णया पयट्टे, पुरीए अह अस्थि गाढतरसोगअह अप्पणिज्जमेव-ऽप्पणो अह अवगणिय कइया अह अवगारीणि वि होंति, अह अवरावरतरुवर-पलोयणं अह अवरोप्परसविलासअह अहिचंदेण वसू, अह आउगविगमि सव्वट्ठअह आगयाए तीए, दवाविओ अह आभरणसमेया, अक्खयअह आरंभकहा पुण, अह आरहट्टिएणं, एयं अह इंगिणिमरणं पुण, अह ईसिहसणवसविहङअह उग्गमंतरविमंडलम्मि, अह उग्गयम्मि सूरे, अह उंग्गयम्मि सूरे,
अ १२४ अह उज्झिऊण लज्जं, दूरे ९२७२ अह उत्तरायणाउ, अट्ठावीसं ११५६ अह उत्तरायणादेव, जस्स ३९६० अह ऊसुगत्तणं ता, संखित्त९७३३ अह एक्कारसवच्छर-छम्मासे २०१०
अह एगम्मि अवसरे, १०९० अह एगम्मि अवसरे, ६९०६
अह एगम्मि अवसरे, ८८१ अह एगम्मि अवसरे, ९२६९ अह एगम्मि अवसरे, २६४० अह एगम्मि अवसरे, ११४
अह एगम्मि अवसरे, ९४० अह एगम्मि अवसरे, दसण्ण७८ER
अह एगम्मि अवसरे, समुद्द
अह एगम्मि अवसरे, समोसढो ६७० अह एगम्मि दिणम्मि, ९१५७ अह एगम्मि दिणम्मि, २७७ अह एगया गओ सो, ६६३६ अह एत्तो कित्तिज्जइ, ५८४४ अह एवं पि तहाविह५१८० अह ओलंबियभुयपरिह२०९ अह कंककत्तियाछिण्ण६८६५ अह कंतदंतपसरंत-सेयपह
अह कणयकयवरेसुं. ६९२२ अह कण्णकुहरकडुयं, ६८९७ अह कप्पसमत्तीए, ठाणं९१६५ अह कयपरिकम्मविहिस्स, ४१०५ अह कलुणवयणसवणु३३१६
अह कहमवि लोगाउ, ७००९
अह कहवि कया वि कहि ६४४६ अह कहवि तं पएसं, पत्तेणं १६३५ अह कहवि तहाभविय२८५ अह कहवि दूरपुरवासि५७२७
अह कहवि विहरमाणो, ९२४३ अह कहवि सव्वविरइ१३९१ अह कारणेण केणऽवि, १६६६
अह कालगयं तं जाणि७३७८ अह कुंतखग्गभल्लय९२०८ अह कूलंऽतरलग्गं, दठूण ३५९० अह केत्तियं पि कालं, २९५९ अह कोवि कम्मदोसा, २४१९ अह खणमेत्तम्मि गए, १४९१ अह खणमेत्तम्मि गए, २०२३ अह खेयरेण हरिसूसियेण,
अह तं नयरीलोयं, इंतं ५६४० अह गाढघायवियणा-घुम्मिर- . ७३३२ ३१३७ अह गामनगरगेहाऽऽ
७५०५ ३१३५ अह गिहवइभीयाए, परमं
८६३८ २७८५ अह गुडियकरिघडाऽऽरूढ- ९२९७ ४०१० अह गुरुणा सुत्तुवओग
३४८९ १७१७ अह गेयपरिस्समवड्ढमाण- ९०२४ २४४६ अह घोरघायवसनट्ठ-चेयणो ५१४७ ३३९७ अह चंडचवलमंगल-विस्संभ- १३१ ३७५६ अह चेडगेण भणियं,
१२६४ ५१०४ अह जंबुदीवतिलओवमाए.
९२२७ ५५१४ अह जइ पुण निब्भरपणय
११११ ६६८८ अह जइया सो अब्भु-च्छ- ४७५६ ३९६७ अह जणनयणाणन्द, ५८९० अह जयपहुणा तस्सो-वयार- ७८२ ४७६६ अह जहविहीए एगग्गयाए, ४३१४ २५९८ अह जह सो तह ते वि ६४०८ अह जाए पत्थावे, पियणत्थं ७५७ ४९६० अह जाणवत्तनाहो, एगंते
२४०७ ३०८८ अह जा नयराऽऽरक्खो , ७३११ ६६९२ अह जायपच्छयावो, खवगो ५४५० १७३६ अह जायमाणभंगो,
७६०९ ३५४० अह जायम्मि पभाए, अणु- ६४२५ ९८५९ अह जायम्मि पभाए, दंडप- ५५३८ २७४८ अह जायम्मि पहाए,
१०६५ २९४२ अह जावज्जवि नीहरइ, २६२० २४६०
अह जावऽज्ज वि सामन्त- ३४०० ४१७० अह जाव सरयससहर
३८०६ ३८३७ अह जिणदासो दिव्वं,
११२८ १२८५ अह जिणपूयापणिहाण- -
२१०६ ३०७७
अह जिणवाणीसवणुब्भवन्त- ७३८ ५३२० अह जियमोहमहाबलु
९२३३ ३६५३ अह जो अणसणकामो,
४७२८ ४११५ अह जोगो त्ति नियपए,
६७५६ ३४९६ अह जोव्वणमऽणुपत्तो,
६२९७ ३३४३ अह झत्ति वलियकंठं,
६७०८ १५३९ अह ठाऊण खणं सा, जंत- ७३४२ ९९५१ अह तं अदुट्ठदोघट्ट-घट्टपडि- २१९४ ३७६९ अह तं आगयमुवलक्खिऊण,
७५९५ १२४९ अह तं कयंतजणणि व, १२७ ४१३७ अह तं चिबिडियनासं,
९०१२ ५४४५ अह तं जसोमई पेच्छि
७३०१ १७३ अह तं तहाविहं पे-च्छिऊण ४८२६ ६१८८ अह तं तहाविहं पेच्छिऊण, ८७०२ २३४९ अह तं नयरीलोयं, इंतं
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