Book Title: Samveg Rangshala
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh

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Page 327
________________ ३११२ जहक ४६९१ जलणाऽऽउलो वि भग्गो, जलणाऽऽउलो वि मग्गो, जलणो वि पावहेऊ, कह जलणो वि होज्ज सीओ, जलणो व्व दहइ भुवणं, जलतीरठिओ पट्ठीए, कयरवी जलदुग्गे थलदुग्गे, जलनिहिसंगेण व पत्तजलमाणमणिपहुफुण्णजलसंथारगयस्स वि, जलहिगया जलचरभक्खणे जलिओ हि कसायऽग्गी, जल्लमलदिद्धदेहो, लुक्खो जवणक्कंडणपायाऽऽइ-मद्दणं जवणियअंतरियाओ, धरियाओ जस्संऽगवओवुड्ढी, जस्संगुलीओ सहसा, जस्स किर कोवकलिणा, जस्स तह सत्तुपडिहयजस्स दिवसं पि एकं, जस्स धिई तस्स तवो, जस्स निवाए वि गिहे, जस्स परे सयणे वा, मित्ते जस्स पसाएण इमं, रायसिरिं जस्स पियविप्पियपरे, परे जस्स मणोगयणयले, जस्स य घरम्मि सो लहइ, जस्स य जिणमुणिचलणुजस्स य जीहऽग्गम्मि, जस्स य सुक्का विट्ठा, निट्टयं जस्स रविम्मि वहते, जस्स वसेणं पि य कामिणीण, जस्स विणओ स नाणी, जस्स सयणीयगेहे, महाणसे जस्स सिरे कागोलूगजस्स सिरे गोमयचुण्णजस्स सिरे वंसलयाइ-संभवा जस्साऽमाणुससामत्थजस्साऽऽसमम्मि मुणिणो, जस्सुत्तमऽट्ठमरणम्मि, जस्सेह न बहुमाणो, जह अंबिलेण दुद्धं, जह आगमपरिहीणो, जह आगमेण वेज्जो, जह आणवेइ सामी, तह ६१७८ जह आयासे लोगो, ६२२६ जह आवायं विसयाणं, ७७३६ जह एस गिहत्थंभो, ६२३३ जह कंसियभिंगारो, जह कज्जमाणयं कड७६८५ जह कागणीए हेडं, ६९०१ जह कालम्मि सुखेत्ते, ७६५५ जह कि पि कारणं पा५३५७ जह किर दुइंतेहि, तुरएहिं ९५६७ जह किर विभंगिणो ४०८४ जह कुंडओ न सक्का, १२१५ जह कुसलो वि हु वेज्जो, ६०८४ जह कोई रोगिवेज्जो, ६८०५ जह कोवि नेव जाणइ, ३२०८ जहचिंतियत्थसंपाडणं ति, ३२८४ जहचितियफलसंपत्ति५९१४ जह चेव चारुदत्तो, गोट्ठी जह जलहराउ वुट्ठी, जह ७५५९ जह जह करेइ माणं, ८९४४ जह जह करेइ मायं, ३२३५ जह जह किर पडिबंध, ५२८७ जह जह कीरइ गिद्धी, जह जह कीरइ संगो, ५२८८ जह जह तस्संकमणं, ७५५३ जह जह तस्सवणरसो, ५७६१ जह जह दढप्पइण्णो, समणो ८४० जह जह दोसोवरमो, ३१६४ जह जह परपरिवाओ, किज्जइ ३२४९ जह जह परपरिवायं, करेइ ३१४७ जह जह संगच्चाओ, तह १५६१ जह जह संवेगरसो, वण्णि१६८८ जह जह सुद्धसहावो, दोसे ३०८७ जह जह सुयमऽवगाहइ, ३२५२ जह जह सुयमऽवगाहइ, ३२७८ जह जाणिऊण दोसे, ३२०४ जहठियलोगसरूवं, वियाण१६३८ जहठियसामायारी-कुसल जह तं आराहित्ता, सिद्धि ५४०० जह तंदुलस्स कुंडय-सोही १३५१ जह तं सम्म आराहिऊण, ६४४७ जह तरुणो साहपसाह-पुष्फ७८०८ जह तह परिभमिरो वि ७८०७ जह तह भासित्तणमऽवि, ९१४ जह ताहि तीए वुड्ढी, जह सा सव्वं सच्चं, इमं ७९०४ जह तुंबस्स दढत्तं, विणा ८२०० १८३५ जहथाममुज्जमतो, ८९१० ३०९६ जह दायव्वा तह वणिया ५०४४ ४९२७ जह दीवा दीवसयं, पइप्पएसो ८९१९ ६५१६ जह न वरिसन्तमेहेहि, १९३१ ३३५४ जह नाणदंसणाण, य ७१८ ६२२४ जह नाम कंटगप्पमुह३२६ जह नाम पट्टणगया, मोल्ले ८८२० ४०६० जह नाम महावाही विहुरत्तं ७१७९ ४८८८ जह नाम महासत्तू, दावेइ ७१७८ ८१५० जह नाम सारगब्भो, ८२१३ ४९८६ जह निप्पम्हदिसाए, पावारे ६२७१ ४९७८ जह पयइकुसलसयलि ७२९१ ७८५७ जह परमंसं तह जइ, ७१४८ ६१९ जह परमऽण्णस्स विसं, ५६८५ ७६६० जह पव्वएसु मेरु, उच्चागो ७९०३ ८०६४ जह बालो जंपतो, ५०३८ ३०६३ जहभणियं जिणधर्म, १०९५ ५९६६ जह भद्द-मंद-मिग-सं ४३६१ ६००० जह मक्कडओ खणमऽवि, ७८४६ ७५३६ जह मक्कडओ पक्कप्फलाई, ७९४६ ५४४० जह य अणंतरजायं पि, ६७ ७२१७ जह य असंपत्तीए, पत्थिय- ६२७३ ६३८६ जह य विभंगिकएहिं, ४८९१ ७७३४ जह रण्णो रंकस्स वि, ८८९३ ८९२७ जह राहुपहापडलं, किर ६४८० ८८३९ जह राहुपहापडलं, हणइ ६४७८ ६३८५ जह रोगिणं न सज्जी ४६६२ ६३८४ जह रोहिणी उ सुण्हा, .. ८२४१ ७५३९ जहवाइणो तहाका-रिणो ४३९५ ४९ जह वा तह वा परिसंठियस्स, ५९५ ४९९५ जह वा रक्खियवहुया, ८२३८ १३४२ जह वालुयाए अवडो, पूरइ ४९२३ ७४६४ जह वा सा भोगवई, ८२३५ ८०२४ जहविहिकयपुच्छस्स वि, ४८५३ ८७९६ जहविहिभावियभावण ३९७९ १५३२ जह संधाणुप्पज्जंत-जंतु ७०७६ ९८३८ जह संवरियदुवारे, न ८७६१ ९६८९ जह सण्णद्धो पग्गहिय ४३९९ जह सरणमुवगयाणं, ४३७१ ८२०१ जह सव्वओ असंवुड-वियड- ८७५६ ४५२० जह सा उज्झियनामा, ८२३२ ८७४ जह सागरम्मि मीणा, ४५६१ ४४७८ जह सा सव्वं सच्चं, इमं ९०१९ ६७६ २२५८ ३४

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