Book Title: Samveg Rangshala
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh

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Page 302
________________ ६४२ १३९७ ३११६ अह सणियं चिय तत्तो, अह सणियं चिय तत्तो, अह सत्तदीवसायर-मेतं अह सत्तोयहिदीवअह स महप्पा पइसमयअह स महप्पा पुव्वअह स महप्पा समयअह सवियारविजंभितअह सव्वत्तो सद्दाऽणुअह सव्वपुत्तजेट्ठो, सिरिअह सव्वसंगचागी, सम्म अह सव्वसेण्णसहिओ, अह सव्वहा वि छायाअह सव्वाओ वि पभूयअह सहयारतरुतले, निवसियअह सा गिहे पविट्ठा, अह सा पगुणसरीरा, अह सा पट्टिवयणा, तहत्ति अह सा पुव्वमऽमच्चेण, अह सारियो वि खवगो, अह सावएण भणियं, अह सा वग्घी अच्चन्तअह सा विचित्तमणिमयअह साहुसावगजणं, नाणाअह साहुसावयाणं, सव्वाण अह साहू नरवइणो, नियाणअह सिक्खगो वि चिंतइ, अह सिग्घं चिय पत्तो, अह सिढिलियसामण्णो, अह सिसिरपवणपरिलद्धअह सिस्सपसिस्साण वि, अह सुंदरीए दीहुउण्हअह सुंदरीए भणियं, अह सुंदरीए सद्धि, पुव्वअह सुत्तम्मि जणम्मि, अह सुपसत्थे हत्थग्गहस्स, अह सुमरियपुव्वभवो, अह सुसमाहियमणवयणअह सूरतेयरण्णा, विम्हियअह सूरीहिं समं चिय, अह सेणावइभज्जा, सा अह सो अहिगयसत्तो, अह सो उज्जेणिनिवो, अह सो कणिट्ठपुत्तो, अह सो कयसंलेहो, आ १०२९ अह सो कोववसुग्गय८७८३ अह सो च्चिय ताण वसे, ८७८७ अह सो ताराचंदो, जुवराय५४०७ अह सो तीए सद्धि, विसय४५९० अह सो ते दृट्ठणं, वयणं ४६३१ अह सो थेरीजीवो, देवत्तं ९९३८ अह सो नियभववित्तं, २७३२ अह सो परिमग्गित्ता, अह सो पसंतचित्तो, ८७७६ अह सो पिउणा करुणाए. ६७७० अह सो पुरिसेहि समं, ३३२१ अह सो पुव्वुवइट्ठो, ५८५९ अह सो भत्तिभरोणय७३१६ अह सो मायंगमुणी, ७७७२ अह सो मुणिजणमारण६२०९ अह सो साहुसमीवे, ३५०७ अह सो सिइमाऽऽरूढो १३७४ अह सो सुगुरुवइ8, ९४८६ अह सो सूरि दटुं ७७८१ अह सोहणे मुहुत्ते, ६९१ अह सोहम्मसुरिंदो, १६५२ अहह! अणिच्चमऽसारं, २०६७ अहह कहं एयाए, हीलिज्जइ २०५३ अहह ! कहं एवंविह-धण९२१७ अहह ! कहं गयजीओ ५५३४ अहह ! कहं चिरसिक्खिय९७४ अहह ! कहं छलिओ हं, १४६६ अहह कहं परमाऽमय३६८ अहह ! कहं सकुलक्कम३९२९ अहह! कहमऽप्पणिज्जो, ३६७९ अहह कुलीणत्तम्मि वि, ३६६३ अहह ! कुसलस्स कस्स ३६३८ अहह चिरधरणिभमणे ५६६२ अह हणिउं पारद्धो, रुद्देण ४०९८ अहह ! तडत्थो जाओ, ५२१५ अहह ! दरदलियकइरव९८९३ अहह ! न कहिपि भयवं ५११७ अहह ! बलवत्तमिदिय९२३ अहह ! बलिया कसाया, ९०५२ अहह ! मए वि हु सद्धि, २९८२ अहह ! मह अवजसो एस, ३५२८ अहह ! महापावो कह, २७२५ अहह महामुद्ध! किमेव५३६६ अह हयलालाहरिधणु आकारंतरविहिणा, ठवेइ ६८७० अहह ! रमणीण रेहइ, ५७९६ ८९७३ अह हासवसविसप्पंत ८६०१ २३१५ अह होइ विगप्पकहा, ७३८५ ६२१७ अह होज्ज देसविरओ, ३३४० ६६०६ अहिगयकलाकलावो, ६९०५ २१०९ अहिगयजीवाइपयत्थ८६४७ अहिगयमरणे अंगी ३७४६ ४७१५ अहिगयसमत्थसुत्तऽत्थसत्थु, ९२३७ ४२४३ अहिगयसुत्तऽत्थाण य, ५१७८ ७७५१ अहिगयसुहाऽसुहकए. ४८१९ अहिगारी वि गसिज्जइ, २१२८ ९२०४ अहिट्ठिओ सुरेणं, होहि १६२३ ५४८४ अहिणवपुरस्सरंतेसि ८५२३ ६२१९ अहिनउलसरडगोहा, कुड्ड- ८४२५ ७६० अहिमवि कुररेणं चण्ड २१२६ ११२३ अहिमूसयकिमिकीडा ३०७४ ३७५० अहियं सहिओ खिज्जउ, ७४५० ३०२७ अहियासइ सो सम्म, ६८८५ २१७० अहुणा सिट्ठा जह गोयमेण, ५८२ ४८०४ अहुणेगत्तवियकं, एगतं ९६५४ १२७२ ३३५५ ६७४ १०१८ ६३४८ १७६ ९०६३ आउक्काउप्पण्णा, अणवर ८४०० ३३२७ आउक्कायत्तणओ, तब्बाहा ८३९४ ९०५ आउक्खएण तत्तो, चविऊणं ९९६७ ८९९७ आउक्खएण मरिठं, ९१९८ ५१९४ आउक्खयम्मि कयपाणचाउ, ९२२६ २५०१ आउक्खयम्मि तत्तो, चविऊणं ६५९४ ४७३९ आउगविगमम्मि चुओ, ४१५५ ८१०२ आउपरिण्णाणं पि य ७, २४८७ ७७२६ आउपरिण्णाणकए, सम्म ३१०७ आउपरिमाणकए, कयपणि- ३०९२ ३००९ आउयचिन्ताऽवसरे, पाण- ३१३१ ८९८२ आउरभए भडो वा, अमोह- ७७११ ७२७५ आउहं पि कयं चारु, १७५२ ५५२२ आएसाऽणंतरतुर-माणअणु- २२९९ ३९५९ आओहणं महंतं, निवाडिया- ३५१७ १६८ आकंपइत्ता अणुमाणइत्ता ४९११ १०४५ आकंपिज्जंति सुरा वि, ५७१० ६८६२ आकारंतरविहिणा, ठवेइ ६८ आ. ५८०६

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