Book Title: Samudrik Shastranu Gujarati Bhashantar
Author(s): Shravak Bhimsinh Manek
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

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Page 4
________________ (२) पीउ ए चार वस्तु जो टुंकी होय, तो ते उत्तम माणसने घेर घणुं अव्य होय. वली जेनी आंगलीउँनां सघलां पर्वो, त्वचा, दांत, नख अने केश ए पांचे सूक्ष्म होय, ते माणस घणां वर्षो सुधी जीवे. ___ वली जेनी कुति, पेट, बाती, नासिका, खांध अने ललाट ए ब वस्तु उंची होय, ते माणसने उत्तम कर्मोवालो जाणवो, एम सामुजिक शास्त्र कहे . ____वली जेठना हाथ, पग, आंखोना खुणा, नखोना अग्रजागो, शरीर, ताल, जीन अने होउ ए सात वस्तु लाल होय, ते अत्यंत सुख नोगवे. वली हृदय, मस्तक अने ललाट ए त्रणे वस्तु विस्तारवाली जोशए. तथा नाद, हास्य अने नानि ए त्रणे गंजीर जेने होय, ते माणस उत्तम कहेवाय. जेनी आंखो लाल होय, तेने तरुण स्त्री तजे नहि, अने तेने घेर लदमी श्रावीने क्रीडा करे . ___ जेनी गती विशाल होय, ते घणा अव्यनो मालीक थाय, तथा जेनुं मस्तक विशाल होय, ते राजा श्राय, तथा जेनी के विशाल होय, तेने घणा पुत्रो Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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