Book Title: Samudrik Shastranu Gujarati Bhashantar Author(s): Shravak Bhimsinh Manek Publisher: Shravak Bhimsinh Manek View full book textPage 8
________________ ते माणसने सुख श्रने जोग मले ने तथा तेने अचानक धन दोलत आदिक मले बे. ___ वली जेउँनुं शरीर लाल होय तेने राजा घj मान श्रापे तथा तेना पर ते घणोज प्यार लावे. . जेनी आंखोना खुणा लाल होय, ते मोटा जाग्यनो धणी होय, तथा ते सघली कलाठमां पार. गामी थाय, अने तेनी साथे सघला प्रेम राखे. तेमज जे माणसोना नखोलाल रंगना होय, ते माणस सघg सुख जोगवे डे, तथा ते जे श्ले ते थश् शके ले. - जे माणसोनुं तालवु लाल रंगनुं होय, ते माणस प्रगट रीते उत्तम होय,तथा तेनुं पंचमांघणुं मान होय, तथा ते जगत्मां दानेश्वरी कहेवाय. . जे माणसोनी जीन लाल रंगनी होय, ते समग्र सु. खोने नोगवनारोथाय,एम सामजिक शास्त्रनो मतले. जेना होगबिंबफल (पाकेलां घोला ) सरखा लाल रंगना होय, ते अनेक प्रकारना जोगोने नोगवी शके , तथा पैसा विना पण तेना सघलां कार्यों सिक यश् शके डे. जे माणसनु हृदय विशाल होय,ते राजा थश्ने अनेक रस सहित लोगोने जोगवे, तथा महादानेश्वरी थाय. Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 ... 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 ... 226