Book Title: Ratnakarand Shravakachar ki Bhasha Tika Ratnatray Chandrika Part 1
Author(s): Khubchand Shastri
Publisher: Digambar Jain Samaj

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________________ , श्री वीतरागाय नमः ॐ श्री १००८ वासपूज्य पंचकल्याणक प्रतिष्ठा के शुभ महोत्सव पर कविवेधा तार्किकचूड़ामणि श्रीमत्समंतभद्राचार्य विरचित रत्नकरण्ड श्रावकाचार की भाषाटीका रत्नत्रय - चन्द्रिका प्रथम भाग प्रेरणा परम् पूज्यं उपसर्ग विजेता ऋषि रत्न धर्मकेशरी दिगम्बर जैनाचार्य श्री १०८ दर्शन सागर जी महाराज' टीकाकार अनगारधर्मामृत, न्यायवीपिका गोम्मटसार जीवकांड दि विविध ग्रन्थों के हिंदी भाभा अनुवादक पद्मावतीपुरवाल- जति भूषण धर्म दियाकर स्थाद्धावयाच्स्पति विद्यावारिधि आदि अनेक उपाधि विभूषित वेरनी (एटा) निवासी इन्दौर ( म०प्र०) प्रवासी पं० खूबचन्द जी शास्त्री प्रकाशक श्री विगम्बर जैन समाज, गांधी नगर, बिल्ली ३१ बसन्त पंचमी वि० नि० स० २५१५ (द्वितीय वृति १००० प्रति मूल्य - सवाध्या

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