Book Title: Rajasthani Sahitya Sangraha 02 Author(s): Purushottamlal Menariya Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur View full book textPage 3
________________ राजस्थान पुरातन ग्रन्थमाला राजस्थान राज्य द्वारा प्रकाशित सामान्यत: अखिल भारतीय तथा विशेषत: राजस्थानदेशीय पुरातनकालोन संस्कृत, प्राकृत, अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी आदि भाषानिबद्ध विविध वाङ्मयप्रकाशिनी विशिष्ट ग्रन्थावलि प्रधान सम्पादक पुरातत्वाचार्य जिनविजय मुनि [ ऑनरेरि भेम्बर ऑफ जर्मन ओरिएन्टल सोसाइटी, जर्मनी ] सम्मान्य सदस्य भाण्डारकर प्राच्यविद्या संशोधन मन्दिर, पूना; गुजरात साहित्य-सभा, अहमदाबाद; विश्वेश्वरानन्द वैदिक शोध-सस्थान, होशियारपुर; निवृत्त सम्मान्य नियामक ( प्रानरेरि डायरेक्टर ), भारतीय विद्याभवन, बम्बई । ग्रन्थाङ्क ५२ राजस्थानी साहित्य-संग्रह ___ भाग २ [ देवजी बगडावतारी, प्रतापसिंघ म्होकसिंघरी नै वीरमदे सोनोगरारी वात ] प्रकाशक राजस्थान राज्याज्ञानुसार सञ्चालक, राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान जोधपुर ( राजस्थान ) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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