Book Title: Pravachansara Part 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Shakuntala Jain
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy

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Page 155
________________ ममता ममत्ति माणुस मनुष्य मित्त FEE अकारान्त नपुं. . 98, 108 अकारान्त पु., नपुं. 21 अकारान्त पु., नपुं. 101 इकारान्त स्त्री. 42 अकारान्त पु. 56, 57, 88, 91, 96,102,103,104 अकारान्त पुं., नपुं. 96 .. अकारान्त पुं., नपुं. 95 . अकारान्त पुः, नपुं. 40 अकारान्त पु. 87, 88, 95, 96, 103 अकारान्त पु., न. 82 अकारान्त पु.; नपुं. 5 अकारान्त नपुं. अकारान्त पुं. 74 अकारान्त नपुं. 72 अकारान्त पुं. 36, 37, 44, 53, रूप लक्खण लक्षण लिंग लक्षण लुक्ख रूक्षता लुक्खत्त लोग रूक्षता लोक वट्टणा वण्ण वर्ण परिणमन आकारान्त स्त्री. अकारान्त पु. व्यवहार अकारान्त पु. अरिहंत(तीर्थंकर) अकारान्त पु. वायुकाय उकारान्त पु. 40 97 ववहार वसह वाउ 75 (148) प्रवचनसार (खण्ड-2) Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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